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दिशा की बैठक में एडीएम के व्यवहार से खफा सांसद ने दिखाया बाहर का रास्ता

समाहरणालय सभाकक्ष में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में कुछ समय के लिए सन्नाटा पसर गया.

बक्सर. समाहरणालय सभाकक्ष में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में कुछ समय के लिए सन्नाटा पसर गया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष व सांसद सुधाकर सिंह एडीएम अरुण कुमार के व्यवहार से नाराज हो गए और उन्हें यह कहना पड़ गया कि या तो एडीएम यहां से बाहर निकलें, अन्यथा मैं ही सदन से रुखसत हो जाता हूं. सांसद के इस सख्त लहजे को देख सदस्य से लेकर पदाधिकारी तक सभी अवाक रह गये. हालांकि हालात को भांपते हुए एडीएम तुरंत सदन से बाहर निकल गये और लंच तक उन्हें मीटिंग से बाहर रहना पड़ा. कार्रवाई शुरु होते ही सांसद सुधाकर सिंह ने गत बैठक में लिए गये निर्णय के अनुपालन से संबंधित समीक्षा कर रहे थे और भू राजस्व से संबंधित मामलों में अंचलाधिकारियों से जवाब मांग रहे थे. लेकिन अंचलाधिकारियों के बचाव की नियत से अपर समाहर्ता अरुण कुमार उसमें हस्तक्षेप कर खुद जवाब देने लग रहे थे. उनका यह व्यवहार सांसद को नागवार गुजरा, लिहाजा उन्होंने एडीएम को बाहर चले जाने की आवश्यकता बतायी. पूर्वाह्न 11 बजे से लेकर अपराह्न 4.30 बजे तक चली इस मैराथन बैठक में सांसद ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, भू राजस्व, सिंचाई, एनएचआइ, सड़क निर्माण समेत अन्य विभागों के कार्यों व पदाधिकारियों के कार्यकलापों का जायजा लिया. जिसमें कई विभागों के असंतोषजनक कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने आवश्यक हिदायत दिया. भू-राजस्व विभाग के सबसे ज्यादा मामले सबसे ज्यादा मामला राजस्व एवं भूमि सुधार में पाया गया. जिस पर संतोषजनक अनुपालन नहीं होने से सांसद द्वारा खेद व्यक्त किया गया. सभी विभाग को निदेश दिया गया की बैठक से एक माह पूर्व संतोषजनक, गुणवत्तापूर्ण एवं अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाए, ताकि पूर्व से समीक्षा कर अनुपालन कराया जा सके. शिक्षा विभाग में भवन निर्माण, शिक्षकों की पदोन्नति, साफ सफाई इत्यादि मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन की नसीहत दी गयी. जीविका के संकुल में कार्यरत कर्मियों के हटाए जाने के संबंध में आवश्यक जांच करने हेतु उप विकास आयुक्त को जिम्मेदारी सौंपी गयी. तकनीकी विभागों को अपने-अपने क्षेत्र में आवश्यक विकास के कार्यों को गति देने जैसे सड़क निर्माण, सिंचाई व्यवस्था, नहर, विद्युत व्यवस्था, जल की समुचित व्यवस्था एवं आवश्यक सुधार हेतु निदेश दिया गया. नगर परिषद बक्सर एवं डुमरांव को निर्देश दिया गया कि आवास विहीन लाभुकों का सर्वे कराकर आवास निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर आवास उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. शहरों में साफ सफाई एवं सामुदायिक शौचालय की समुचित व्यवस्था हेतु निदेश दिया गया. आयुष्मान कार्ड, ताड़का नाला से अतिक्रमण हटाने, इडब्लूएस में निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों का नामांकन, मनरेगा समेत विभिन्न विभागों का मामला सदन में गूंजा. वही चौसा क्षेत्र के विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता बतायी गयी. बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के जिला प्रतिनिधि पुनीत सिंह ने शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण से संबंधित विषय को प्रमुखता से उठाया. वहीं केंद्रीय विद्यालय के लिए सरकार द्वारा चयनित जमीन को केंद्रीय विद्यालय संगठन को स्थानांतरित करने की मांग की. समीक्षा बैठक में विधायकों व जन प्रतिनिधियों के अलावा जिला पदाधिकारी डॉ विद्या नंद सिंह, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य व उप विकास आयुक्त समेत जिला स्तरीय सभी विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे.

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