बक्सर
. कृषि विज्ञान केंद्र लालगंज में दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन गुरुवार को किया गया. प्रशिक्षण में जैव किटनाशी व उसका अनुप्रयोग विषय पर दो दिवसीय प्रसार कार्यकर्ता प्रशिक्षण दिया गया. कृषि विभाग में नवनियुक्त 25 कृषि पदाधिकारियों ने सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया. इस प्रशिक्षण का उद्घाटन कृषि विज्ञानं केंद्र बक्सर के वरिष्ट वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ देवकरन ने दीप प्रज्वलित कर किया. नवनियुक्त कृषि पदाधिकारियों को कृषि विज्ञानं की गतिविधियां, क्रियाकलाप आदि के विषय में जानकारी दी. मुख्या प्रशिक्षक डॉ रामकेवल बताया कि अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जी, फल आदि में विभिन्न प्रकार के कीट व्याधियों का प्रकोप हो जाता है. जिसके प्रबंधन के लिए जैव कीटनाशी का अनुप्रयोग आज के परिप्रेक्ष्य में अति आवश्यक एवं प्रासंगिक है. क्योकि रासायनिक कीटनाशियों के अनुचित एवं अंधाधुंध प्रयोग की कारण कीटनाशी रसायन का अवशेष हमारे भोजन में खाद्य श्रृंखला के माध्यम से आ रहा है. इससे विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे हैं. साथ ही फसलों में मित्र एवं लाभदायक कीट समाप्त होते जा रहे है और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. जैव कीटनाशी पर्यावरण हितैषी, मित्र एवं लाभदायक कीटों के लिए सुरक्षित तथा मानव स्वस्थ्य के लिए भी सुरक्षित होता है . जैव कीटनाशियों में फफूंद, जीवाणु, विषाणु , वानस्पतिक उत्पाद , फेरोमोन आदि का उपयोग किया जाता है .जिसमे ट्राईकोडरमा हर्जियानाम, ब्युवारिया बैसियाना, मेतारिजियम, बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस, एनपीवी फेरोमोन ट्रैप, ट्राईकोकार्ड आदि का प्रयोग किया जाता है. जिसकी जानकारी सभी प्रसार कार्यकर्ता पदाधिकारियों को दी गई . कृषि विज्ञानं केंद्र केंद्र के हरिगोविन्द ने बीज उद्यमिता विकास एवं सीड हब के विषय में बताया तथा आरिफ परवेज़ नें प्रक्षेत्र भ्रमण कराकर विभिन्न प्रदर्शनों को दिखाया. रवि चटर्जी, सरफराज अहमद खान, नवनियुक्त कृषि पदाधिकारी प्रियंका सहायक निदेशक शश्य , संस्कृति बी मौर्या स. नि. पादप रक्षा , प्रिया अभय स. नि. सस्य, राहुल वर्मा अनु. कृ. पदाधिकारी, किशन कुमार स. नि . कृ. अभियंत्रण, शिवम् वर्मा प्र. कृ. पदाधिकारी सहित कुल 25 अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

