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क्षेत्र के किसानों को मलई बराज परियोजना से नये साल में पानी मिलने की जगी उम्मीद

नये साल में क्षेत्र के किसानों के लिए मलई बराज से पानी मिलने की उम्मीद जगी है.

नावानगर/केसठ. नये साल में क्षेत्र के किसानों के लिए मलई बराज से पानी मिलने की उम्मीद जगी है. आगामी 2026 साल किसानों के लिए खुशहाली लेकर आएगा. लंबे समय से अधर में लटकी मलई बराज परियोजना का काम पूर्ण कर लिया गया है. अगले साल इसे किसानों को पूरी उम्मीद है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र के दर्जनों गांवों के खेतों में फसल लहलहाएगी.मलई बराज परियोजना अब तक अधर में ही लटकी रही. लगभग 58.25 करोड़ की लागत से काम शुरू होने के बाद डिजाइन में दोष के कारण एक बार पूरा बना.बनाया पाया धंस गया था.इसके वजह से विगत तीन-चार वर्षों तक काम लटका रहा. मलई बराज परियोजना का काम नए सिरे से शुरू किया गया. निर्माण कंपनी पुराने पिलर और गलत निर्माण को तोड़ कर दुबारा नए सिरे से उसे तैयार किया है. दूसरे चरण की स्वीकृत राशि भी 58.25 करोड़ ही रखी गई.क्षेत्र में फसल के सिचाई की जरूरत को देखते हुए 1986 में राज्य की तत्कालीन सरकार ने सिचाई प्रमंडल नावानगर की स्थापना की थी.तब लाखों रुपए की लागत से मलई बराज का निर्माण कार्य शुरू भी कराया गया था.परंतु राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों से परियोजना का काम बंद हो गया था. इसके बाद 2012 में मुख्यमंत्री की पहल पर दुबारा यह काम शुरू हुआ.मलई बराज के बनने से क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों को फायदा होगा. नावानगर प्रखंड के रूपसागर गांव के पास बनने वाले इस बराज से बक्सर, रोहतास व भोजपुर के हजारों एकड़ भूमि की प्यास बुझाने की योजना है. कैमूर पहाड़ के मंजर कुंड झील से निकलने वाली कांव नदी के पानी को बराज के माध्यम से डुमरांव रजवाहा को 110 व भोजपुर राजवाहा को 90 क्यूसेक पानी देने की योजना है. इससे पानी मिलने से बक्सर, भोजपुर व रोहतास जिलों के किसानों को सूखे की समस्या से निजात मिल जाएगी. किसानों के खेतों में फसलें लहलहा उठेंगी. मलई बराज परियोजना को चालू कराने को लेकर विगत कई बार क्षेत्र के किसानों ने धरना प्रदर्शन, आंदोलन व पैदल मार्च किया.लेकिन किसानों के मेहनत का परिणाम नए साल में मिलने वाला है.किसान सुनील कुमार सिंह उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि यदि मलई बराज योजना चालू हो जाता है, तो यह क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित होगा. वही सूखे की समस्या दूर हो जाएगी.क्षेत्र के सैकड़ो एकड़ खेतों की सिंचाई की सुविधा मिलेगी.वही मलई बराज के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मलई बराज योजना का काम पूर्ण कर लिया गया है.रोहतास जिले के किसानों ने गार्ड वॉल बनाने को लेकर मांग किया है. जिसके कारण अब तक पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि रोहतास जिले की किसानों की मांग पर गार्ड वॉल बनाने को लेकर प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है.

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