केसठ
. रोहिणी नक्षत्र में किसानों को धान का बिचड़ा डालने के लिए पानी की चिंता सताने लगी है. यदि नहरों में पानी समय पर नहीं आया तो रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने से किसान वंचित हो जाएंगे. किसानों के लिए यह नक्षत्र धान का बिचड़ा डालने का अच्छा समय माना जाता है. जिसे धान की पैदावार भी अच्छी होती है. भीषण गर्मी के कारण प्रखंड के आहर, पोखर व तालाब सभी सूख चुके हैं. पानी का जलस्तर नीचे चला गया है. उधर नहरों में भी पानी नहीं आने के कारण अभी नहरों में धूल उड़ रही है. किसान धान का बिचड़ा डालने को लेकर परेशान है. रोहिणी नक्षत्र रविवार से शुरु हो गया है. किसान आकाश में बादल को देखकर खुश हो जाते हैं. लेकिन थोड़ी देर में ही मायूसी छा जाती हैं. विदित हो कि धान का कटोरा कहे जाने वाले प्रखंड के किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. लेकिन थोड़ी देर में ही मायूसी छा जाती हैं. विदित हो कि धान का कटोरा कहे जाने वाले प्रखंड के किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.विभाग उदासीन और लापरवाह बना हुआ है. अभी तक डुमरांव राजवाहा समेत अन्य नहरों में पानी नहीं आने से प्रखंड समेत दर्जनों गांवों के किसान चिंतित और मायूस दिख रहे हैं. किसान रमेश चौधरी, पिंटू दुबे ,गुड्डू सिंह, संजय सिंह का कहना है कि विभाग की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण अभी तक किसान बिचड़ा नहीं डाल पाए हैं. जबकि सरकार ने किसानों को आगे बढ़ाने तथा फसल की उपज दुगना करने को लेकर सस्ते दर पर खाद बीज अन्य विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. लेकिन समय पर नहरों में पानी नहीं आने के कारण सब बेकार है.यदि समय रहते विभाग सतर्क नहीं हुआ तो धान की फसल इस साल कमजोर होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है