केसठ
. प्रखंड के केसठ सोनवर्षा मार्ग पर स्थित डिहरा पोखरा पर नवनिर्मित मंदिर में सूर्य देव के प्राण-प्रतिष्ठा व आठ दिवसीय यज्ञ का समापन हवन पूजन एवं भव्य भंडारे के साथ संपन्न हो गया. इस दौरान क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए श्रद्धालुओं व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर मंगल कामना की. प्राण प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ के अंतिम दिन सैकड़ों नर-नारी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई थी. भीड़ के चलते मंदिर परिसर में देर शाम तक गहमा-गहमी का माहौल कायम रहा.इस बीच श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे जयकारे व जयघोष से आस- पास के इलाके में भक्ति की धारा प्रवाहित हो रही थी.वही डॉ सुरेंद्र चौधरी, हजारी सिंह, संजीत सिंह, टूना सिंह, मांझी सिंह, गर्जन सिंह, नरेंद्र सिंह, भोलु सिंह अभय सिंह, सबीता सिंह, रेनू देवी, राकेश रतन सिंह, सींटू कुमार, हर्ष कुमार , आर्यन कुमार, शिवम कुमार समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए. श्रद्धालुओं और भक्तों ने कथा और प्रवचन को किया श्रवण : यज्ञ के समापन को लेकर गांव का वातावरण पूरी तरह भक्ति की रस में सराबोर था . नवनिर्मित भगवान सूर्य देव के प्राण- प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद पंडित कमला दुबे , गुडन पांडेय, नारायण दुबे ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पारंपरिक विधि से विशेष पूजा-अर्चना किया. इसके बाद आठ दिवसीय महायज्ञ का समापन शास्त्रोक्त विधि से कर दिया गया.इससे पहले श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए अयोध्या धाम की प्रज्ञा पांडेय ने कहा कि प्रकृति के चौबीस तत्वों से संबंध करके जीव बंधन में बांधता है. जो मनुष्य में अहंकार पैदा करता है. अहंकार ईश्वर से मनुष्य को दूर कर देता है. उन्होंने कहा कि हम सभी को अहंकार से बचाना चााहिए. अगर बच्चों को माता-पिता संस्कार और शिक्षा न दें तो वह माता-पिता के लिए कष्टदायक बन जाता है. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए संस्कार युक्त शिक्षा जरूरी हो.महायज्ञ को सफलता पूर्वक संपन्न कराने में पूरे ग्रामवासियों का सराहनीय सहयोग रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है