बक्सर
. पिछले कुछ सालों में शहर की आबादी बढ़ी तो सड़कें भी सिकुड़ने लगीं. ऐसे में शहर की जिन सड़कों पर काफी सन्नाटा पसरा रहता था आज वहां जाम का नजारा लगा रहता है. हाल यह है कि अब शहर की अधिकांश सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव रहता है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर की मुख्य सड़कों का चौड़ीकरण भी कराया. इनमें फिलहाल स्टेशन रोड शामिल है. लेकिन, अभी भी कुछ ऐसी सड़कें हैं, जहां चौड़ीकरण नहीं होने के कारण यहां दिन भर जाम लगा रहता है. जाम लगने का कारण सिर्फ सड़कों का संकीर्ण होना ही नहीं है, बल्कि इसके मुक्ति के लिए बेहतर कदम उठाने की कमी भी है. हालांकि प्रशासन ने कई बार जाम से मुक्ति के लिए केवल अतिक्रमण हटाने को लेकर विशेष फोकस किया है, जबकि अन्य उपायों पर कोई विशेष कार्य नहीं हुआ. जिसके कारण आज शहर में जाम की समस्या बनी रहती है. वर्ष 2011 से अब तक जिले में फोर वीलर, टू वीलर और थ्री वीलर वाहनों की संख्या तकरीबन दो लाख हैं.इन जगहों पर लगता है जाममुनीम चौक : यह चौक शहर की हृदयस्थली है. मुख्य बाजार यहीं है. यहां से कई रास्ते और चौक भी जुड़ हैं. यहां कई सरकारी कार्यालय भी हैं. एसपी, एसडीओ, बैंक, पोस्ट ऑफिस और पुरानी कचहरी यहीं है. मुनीम चौक से पीपी रोड जाने वाले मुख्य मार्ग शामिल है. इस मार्ग में मिलाप होटल के पास संकीर्ण रास्ता होने के कारण अक्सर जाम लग जाता है. यमुना चौक से सिंडिकेट सड़क : इस रोड में भी अक्सर जाम का नजारा रहता है. कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान और मॉल इस रोड में है. कुछ बैंकों के कार्यालय भी इस रोड में है. सिंडिकेट से यमुना चौक की दूरी आधा किलोमीटर की है. लेकिन, टैम्पू और ई-रिक्शा की संख्या अधिक होने के कारण इस रोड में वाहनें रेंगते हुए दूरी तय करती हैं. ठठेरी बाजार मोड़ से पुलिस चौकी: इस रोड में भी जाम लगता था. सर्वाधिक सब्जी मंडी में जाम लगता है. यहां फुटपाथ पर सब्जियों की दुकानें सज जाती हैं, जिसके कारण सड़क पूरी तरह जाम हो जाती है. इस रोड में नगर परिषद कार्यालय, बैंक और कई रेस्टूरेंट हैं. कई गैराज भी चलते हैं. गोला बाजार रोड : गोला बाजार रोड सबसे पुराने मुहल्लों में शुमार है. यहां पुराना थाना और किराना दुकानों का हब है. गांवों से लोग खरीदारी करने के लिए यहां काफी संख्या में जुटते हैं. जिसके कारण यहां काफी भीड़ लगती है. इटाढ़ी गुमटी : शहर और इटाढ़ी मार्ग को जोड़ने वाला इटाढ़ी गुमटी अहम है. यहां ट्रेनों के आवागम पर जब फाटक बंद हो जाती है तो लोगों को काफी परेशानी होती है. जाम के कारण शहर में ट्रैफिक पर इसका प्रभाव पड़ता है. 50 रुपये में फुटपाथ पर कब्जाशहर का फुटपाथ रोजाना के 50 रुपये में कब्जा हो जाता है. यह रेट सड़क किनारे मकान वालों ने फुटपाथ का लगाया है. एक दुकानदार ने बताया कि वे जिन मकान मालिक के घर के सामने अपनी दुकान लगाते हैं, उन्हें उसके बदले में कुछ पैसे देने होते हैं. यह रेट भी आमदनी के हिसाब से तय होती है. हालांकि उसे बताया कि वह सब्जी बेचता है, जिसके लिए उसे 50 रुपये देने पड़ते हैं. अब तक प्रशासन ने की पहलजाम से मुक्ति के लिए प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान कई बार चलाया है. जिसके दौरान फुटपाथ को कब्जा करने वाले दुकानदारों से जुर्माना भी वसूला है. वहीं कई बैंक कार्यालयों को एसडीओ कार्यालय की ओर से पार्किंग जोन नहीं होने पर नोटिस भी जारी किया गया. ताकि फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कराया जा सके. दो और वेंडिंग जोन का होगा निर्माणफुटपाथी दुकानदारों के लिए शहर में मात्र एक वेंडिंग जोन का निर्माण अभी कराया गया है. इनमें 104 दुकानदारों को जगह एलॉट किया गया है. पर शहर में 1500 से अधिक फुटपाथी दुकानदार हैं. जिनके लिए वेंडिंग जोन का निर्माण भी कराया जायेगा. इनमें बड़ा बाजार और जेल पइन रोड शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है