बक्सर. सीआइपीसी की धारा 107 के एक मामले में आरोपित को जेल भेजे जाने से नाराज अधिवक्ताओं ने सदर अनुमंडल कोर्ट में बवाल कर दिया. इस दौरान हाथापाई भी हो गयी, जिससे एसडीएम कोर्ट में अफरातफरी मच गयी.
इस मामले को लेकर अधिवक्ताओं व प्रशासन के बीच रार ठन गयी है. एसडीएम अविनाश कुमार ने खुद के साथ अधिवक्ताओं द्वारा बदसलूकी करने तथा उनके बॉडीगार्ड ओमप्रकाश पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी डॉ विद्यानंद सिंह से मशवरा के बाद संबंधित अधिवक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस मामले में बॉडीगार्ड ओम प्रकाश एवं कार्यालय कर्मी राजीव रंजन पर अधिवक्ताओं ने हमला बोला था. इसको लेकर उनके द्वारा थाने में लिखित आवेदन देने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता संघ द्वारा भी एसडीएम व कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है. एसडीएम अविनाश कुमार ने कहा कि उनके किसी भी निर्णय से असंतुष्ट होने पर अधिवक्ता कानूनी प्रक्रिया के तहत सक्षम अदालत में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उनके द्वारा कानून की अनदेखी कर आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया, जिसके तहत उनके साथ बदसलूकी की गयी और बीचबचाव करने पर बॉडीगार्ड ओम प्रकाश व पेशकार राजीव रंजन पर जानलेवा हमला बोला गया. बताया जाता है कि पिछले दिनों 107 सीआरपीसी के एक मामले में रामनारायण राम नामक व्यक्ति को वारंट पर गिरफ्तार कर उनके न्यायालय में लाया गया था. गिरफ्तार व्यक्ति बांड देने को तैयार था. लेकिन, एसडीएम द्वारा उसे जेल भेज दिया गया. इस कार्रवाई को एसडीएम द्वारा कानूनी अधिकार का दुरुपयोग बताते हुए अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में सवाल खड़ा किया गया, लिहाजा विवाद बढ़ गया और हाथापाई की नौबत आ गयी.अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर कानून सम्मत कार्रवाई का लिया जायेगा निर्णय : महासचिव
बक्सर कोर्ट. बक्सर के अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार के कोर्ट में गुरुवार को अधिवक्ताओं एवं अनुमंडल न्यायालय के कर्मियों के बीच हुए विवाद को लेकर चर्चा का बजार गर्म रहा. बताते चले कि अधिवक्ता एवं अनुमंडल पदाधिकारी के बीच विवाद की शुरुआत विगत रविवार को हुई थी, जहां 107 सीआरपीसी के एक मामले में रामनारायण राम नामक व्यक्ति को वारंट पर गिरफ्तार कर उनके न्यायालय में लाया गया था. गिरफ्तार व्यक्ति बांड देने को भी तैयार था. लेकिन वकीलों की माने, तो अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा उसे चालान करते हुए जेल भेज दिया गया. उक्त मामले में अधिवक्ता धनजी सिंह ने विगत मंगलवार को पावर एवं बांड के साथ अनुमंडल न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत देने का निवेदन किया था, लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि पांच-छह दिन अभी नहीं छोड़ेंगे. वहीं अधिवक्ता ने निवेदन किया कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करने को तैयार है. लेकिन अधिकारी उल्टे अधिवक्ता के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे. साथ ही मोबाइल छिनने एवं प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी दी. मामले को लेकर पीड़ित अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी देवेश कुमार के न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया था, जिसका नोटिस गुरुवार को अनुमंडल अधिकारी को प्राप्त करा दिया गया था. गुरुवार को अधिवक्ताओं एवं अनुमंडल न्यायालय के कर्मियों के बीच हाथापाई की खबर भी सुनने को मिली. इस संबंध में बक्सर अधिवक्ता संघ के महासचिव अधिवक्ता बिंदेश्वरी प्रसाद पांडे ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ अधिवक्ताओं द्वारा बैठक की जायेगी, जिसमें कानून सम्मत निर्णय लेते हुए उनके खिलाफ अगली कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

