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अहियापुर सामुदायिक भवन में बच्चों की लगेगी पाठशाला, हत्याकांड के बाद त्रिस्तरीय टीम ने जांच के बाद लिया फैसला

प्रखंड के अकबरपुर पंचायत के अहियापुर गांव में विगत 24 मई को हुए चर्चित ट्रिपल हत्याकांड के बाद कई मामलों को लेकर जांच की प्रक्रिया चल रही है.

राजपुर. प्रखंड के अकबरपुर पंचायत के अहियापुर गांव में विगत 24 मई को हुए चर्चित ट्रिपल हत्याकांड के बाद कई मामलों को लेकर जांच की प्रक्रिया चल रही है. जिस मामले में पीड़ित पक्ष के तरफ से दिए गए आवेदन के आलोक में अहियापुर गांव में बने सामुदायिक भवन की गहन जांच पड़ताल की गई. अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित त्रिस्तरीय टीम ने जांच पड़ताल किया. जिस जांच प्रतिवेदन में जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रतिवेदित किया गया कि मध्य विद्यालय सैंकुआ में कक्षा एक से आठ तक विद्यालय चलता है. जिसमें 168 बच्चे नामांकित है. छह शिक्षक, एक स्वास्थ्य अनुदेशक एवं एक टोला सेवक भी कार्यरत हैं. उक्त मध्य विद्यालय में मात्र दो कमरे एवं एक शौचालय हैं. जिसमें पठन-पाठन का कार्य करने में बहुत कठिनाई हो रही है. जिसके लिए विभागीय नियमानुकूल मध्य विद्यालय के संचालन में आठ वर्ग कक्षा एक कार्यालय कक्ष, स्मार्ट क्लास या लैब के लिए एक अतिरिक्त कक्ष, एक रसोई घर तथा छात्र-छात्राओं के लिए कम से कम दो अलग-अलग शौचालय होना चाहिए.संबंधित ग्राम पंचायत में तीन सामुदायिक भवन निर्मित है. जिसमें इस विद्यालय को शिफ्ट किया जा सकता है.जिसको लेकर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा 18 सितंबर को पत्र जारी कर मध्य विद्यालय सैंकुआ को सामुदायिक भवन में शिफ्ट करने की अनुशंसा की गयी है.

सामुदायिक भवन पर हत्या आरोपितों का था कब्जा : जिस सामुदायिक भवन पर प्रशासन ने फिलहाल विद्यालय संचालन के लिए पत्र जारी किया है. यह सामुदायिक भवन अकबरपुर पंचायत के अहियापुर गांव में खाता संख्या 80, खेसरा संख्या 369, रकबा 10 डिसमिल है, जो बरामदा सहित तीन मंजिला है. पिछले कई वर्षों से निर्माण के बाद इस घटना के मुख्य हत्या आरोपित मनोज कुमार सिंह संतोष सिंह का अवैध तरीके से कब्जा था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हत्याकांड के बाद हत्या आरोपित के सभी सदस्य घर छोड़कर चले गये. जिसके लिए लगातार सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी ने पहुंचकर इसकी गहन जांच पड़ताल की. इससे पूर्व जब प्रशासन ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई का काम शुरू किया तो उस वक्त इस मामले का खुलासा हुआ. जिस पर सभी अधिकारियों ने गहन विचार करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त कराया गया था. तब से लेकर आज तक इस पर काफी गहन विचार हो रहा था. इस बार जो जांच टीम ने यह फैसला लिया है. यह लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.

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