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दर्द से कराहता रहा युवक, डॉक्टर करते रहे रेफर

लापरवाही. बरात में चली गोली से जख्मी युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल में नहीं मिली दवा केसठ पीएचसी व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में नहीं हुआ इलाज बक्सर : रेफर…रेफर…और रेफर… जी हां! यह किसी फिल्म का डायलॉग नहीं, बल्कि बक्सर के स्वास्थ्य महकमे की कड़वी सच्चाई है. यूं कहें कि विवशता है. जिले […]

लापरवाही. बरात में चली गोली से जख्मी युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल में नहीं मिली दवा

केसठ पीएचसी व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में नहीं हुआ इलाज
बक्सर : रेफर…रेफर…और रेफर… जी हां! यह किसी फिल्म का डायलॉग नहीं, बल्कि बक्सर के स्वास्थ्य महकमे की कड़वी सच्चाई है. यूं कहें कि विवशता है. जिले के सरकारी अस्पताल ऐसे तो हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं. यहां के अस्पतालों के प्रभारी एवं डाॅक्टरों पर अक्सर गंभीर आरोप लगते रहते हैं. मंगलवार को भी जो कुछ हुआ वह भी कोई मामूली बात नहीं थी. गोली लगने से घायल एक युवक तड़प रहा था और धरती के भगवान माने जानेवाले डॉक्टर उसे सिर्फ रेफर…रेफर और रेफर कर रहे थे,
जिससे कुछ देर के लिए युवक के साथ-साथ उसके परिजनों की भी जान सांसत में आ गयी थी. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर डॉक्टर रेफर ही क्यों कर रहे हैं. बतादें कि मंगलवार को केसठ गांव में गया जिले से बरात आयी थी, जिसमें फायरिंग के क्रम में एक युवक को गोली लग गयी थी. इलाज के लिए घायल युवक के परिजनों ने केसठ पीएचसी ले गये,
जहां से डॉक्टर ने रेफर कर दिया़ इसके बाद परिजन डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भी इलाज न कर के रेफर कर दिया गया. फिर परिजन जख्मी युवक को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों से आरजू मिन्नत करते रहे, लेकिन उसका इलाज नहीं किया जा रहा था. इस दौरान घायल युवक के परिजन कभी असली भगवान को गोहराते, तो कभी धरती के भगवान के पैर पकड़ते, लेकिन, डॉक्टरों ने रेफर करने के अलावा परिजनों की एक नहीं सुनी. यह हालात जिले के पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक दिखा.
पीएचसी में डॉक्टर नदारद, अनुमंडलीय अस्पताल में नहीं किया गया भरती : युवक को गोली लगने के बाद उसे परिजन केसठ पीएचसी पहुंचे, लेकिन यहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. नर्सों ने कहा कि डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल ले जाएं. इसके बाद युवक के परिजनों उसे डुमरांव लेकर गये. यहां डॉक्टर तो ड्यूटी पर थे,
लेकिन उन्होंने युवक को भरती लेने व इलाज करने से मना कर दिया. युवक के साथ बरात आये गया के वजीरगंज निवासी रामाश्रय पांडेय ने बताया कि लगातार रक्तस्राव से युवक परेशान था. एक्सपर्ट डॉक्टर की कमी कह कर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. गाड़ी में पड़ा मरीज तड़पता रहा, पर उसका प्राथमिक उपचार भी नहीं किया गया. डाॅक्टर ने उसे तत्काल रेफर कर दिया. इस अव्यवस्था को देखकर लोग दंग रहे गये.
सदर अस्पताल के इमरजेंसी में नहीं थी जरूरी दवाएं : आनन-फानन में युवक को लेकर सभी सदर अस्पताल पहुंचे. यहां डाॅक्टर अस्पताल में मौजूद थे, पर मरीज को देखने तक की जरूरत नहीं समझी. दवा की कमी होने की बात कह कर टरकाना चाहा, लेकिन अस्पताल में मौजूद पत्रकारों के दबाव पर इलाज शुरू किया गया. इमरजेंसी कक्ष में जरूरी जीवनरक्षक दवाओं की बात तो दूर प्रति दिन लगभग प्रत्येक मरीज के लिए इस्तेमाल होनेवाले बिटाडीन मलहम व स्काल्प वेन सेट तक नहीं था. बाद में युवक के परिजनों ने बाहर से दवाइयां खरीद कर लायी, तब इलाज शुरू हो सका.
गया के वजीरगंज से आयी थी बरात : गया के वजीरगंज थाना क्षेत्र के महेंद्र पांडेय के पुत्र नीरज पांडेय की बरात केसठ गांव के माधव पांडेय के यहां आयी थी, जहां द्वारपूजा के वक्त हर्ष फायरिंग की जा रही थी. इसी दौरान किसी ने नीरज पांडेय को गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. गोली लगने के बाद अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने बरातियों को कुछ देर तक बंधक बनाये रखा. हालांकि बाद में बुद्धिजीवी लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. जख्मी के बयान पर मामला दर्ज कर लिया गया है.
वीडियो रिकॉर्डिंग में गोली चलानेवाले की तसवीर हुई कैद
फायरिंग के दौरान गोली चलानेवाले लोगों की तसवीर वीडियो रिकॉर्डिंग में कैद हो गयी. फुटेज पुलिस के हाथ में लग गयी है, जिसके आधार पर पुलिस फायरिंग करनेवाले युवक की गिरफ्तारी को लेकर लगी हुई है. इस घटना के बाद काफी देर तक अफरातफरी का माहौल कायम रहा. पुलिस सूत्रों की मानें, तो जहां जख्मी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, वहीं इस मामले में माधव पांडेय और गया से आयी बरात पर भी प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. शादी विवाह में असलहों का प्रयोग पर पूर्ण रूप से जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है.
फायरिंग करनेवालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस तरह की घटनाएं काफी निंदनीय हैं.घटना में शामिल ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यहां तक कि उनके लाइसेंस भी कैंसिल किये जायेंगे. हर्ष फायरिंग पर रोक लगाने के लिए संबंधित थानाध्यक्षों को कई निर्देश दिये गये हैं. ऐसा करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. लोगों को बरात में फायरिंग करने से स्वयं भी बचना है. यह ओछी हरकत है.
उपेंद्र शर्मा, पुलिस अधीक्षक
मामला गंभीर, जांच के बाद कार्रवाई
महीने भर की दवाइयों का स्टॉक सीएस के स्तर से खरीदा जाता है, लेकिन रोजाना के इस्तेमाल के लिए 50 हजार रुपये तक की जरूरी दवाएं डीएस व अस्पताल प्रबंधक खरीदते हैं. इमरजेंसी में दवाओं का न होना गंभीर मामला है. इसकी जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. साथ ही डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में भी इलाज क्यों नहीं किया गया, इसकी जांच कराई जायेगी.
बीके सिंह सिविल सर्जन, बक्सर

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