केसठ : अप्रैल में सरकार की शराबबंदी की घोषणा से क्षेत्र कई परिवारों की जिंदगी बरबादी से बच गयी. शराब की लत ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. प्रखंड के केसठ दक्षिण डेरा स्थित गांव के जितेंद्र सिंह का परिवार परेशान रहता था. वह दिन भर गाड़ी चलाने बाद मिली मजदूरी की शराब पी जाता था. कुछ दिनों में ही कर्ज से लद गया. शराब पीकर घर जाने के बाद मां सुशीला, पिता जयराम व पत्नी उषा के साथ रोज मारपीट करता था.
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शराबबंदी के बाद अब स्वयं घर पहुंच जाता है जितेंद्र
केसठ : अप्रैल में सरकार की शराबबंदी की घोषणा से क्षेत्र कई परिवारों की जिंदगी बरबादी से बच गयी. शराब की लत ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. प्रखंड के केसठ दक्षिण डेरा स्थित गांव के जितेंद्र सिंह का परिवार परेशान रहता था. वह दिन भर गाड़ी चलाने बाद मिली मजदूरी की शराब पी […]
घर जाने के दौरान नाली गिर जाता था. आसपास के लोग भी परेशान थे. बच्चे भी डरे-सहमे रहते थे. यहां तक कि वह घर में रखे अनाज को बेच कर शराब पी जाता था, जिससे घर-परिवार को भोजन के लाले पड़ जाते थे. इसे तंग आकर पत्नी ने उसे जेल भेजवा दिया और शराब न पीने की शर्त पर बाहर लायी. अब शराबबंदी से जितेंद्र ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार खुश है. अब वह स्वयं घर पहुंच जाता है. घर में दुधारु पशु पाल रखे हैं. दिन में अपनी गाड़ी चलाता है
अौर भविष्य के लिए बचत भी कर रहा है. जितेंद्र मध्य बिहार ग्रामीण बैंक केसठ से लोन पर माल ढोने वाला टेंपो खरीद कर स्वयं चलाता है और अच्छी कमाई कर रहा है. उसे दो पुत्र व एक पुत्री है. शराबबंदी के बाद जितेंद्र पत्नी व बच्चों के साथ समय व्यतीत करता है. इससे पूरा परिवार खुश है. परंतु अब वह स्वयं घर पहुच जाता है.
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