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अब 1600 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा आलू का आधार बीज

फायदा. आधार बीज से बोआई करने पर डेढ़ गुनी अधिक होगी उपज बक्सर : जिले में अन्य सब्जियों के अलावे अब किसान आलू की खेती भी करना बड़े पैमाने पर शुरू कर दिये हैं. लेकिन, अधिकतर किसान पारंपरिक बीजों से ही आलू की खेती कर रहे है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्पादन बढ़ाने […]

फायदा. आधार बीज से बोआई करने पर डेढ़ गुनी अधिक होगी उपज

बक्सर : जिले में अन्य सब्जियों के अलावे अब किसान आलू की खेती भी करना बड़े पैमाने पर शुरू कर दिये हैं. लेकिन, अधिकतर किसान पारंपरिक बीजों से ही आलू की खेती कर रहे है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्पादन बढ़ाने में बीज सबसे सस्ता महत्वपूर्ण साधन माना जाता है. पारंपरिक तरीके से आलू की खेती करने में प्रयोग किये जानेवाले बीजों के अपेक्षा उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज से आलू की फसलों में करीब 50 फीसद अधिक पैदावार होती है. वहीं, किसानों को प्रेरित करने के लिए सरकार प्रमाणित बीजों पर अनुदान भी दे रही है. उद्यान विभाग के अनुसार आलू के आधार बीज अब किसानों को सस्ते दर पर दिये जायेंगे.
इससे किसानों को राहत मिलेगी. एक हेक्टयेर में कुफरी पोखराज, कुफरी कंचन बीज से खेती करनेवाले किसानों को 17.5 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा. सूत्रों के अनुसार उद्यान विभाग के निदेशक ने जिला उद्यान कार्यालय के सहायक निदेशक को पत्र भेजा है. अब किसानों को एक हजार छह सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जायेगा. उद्यान विभाग से बीज की खरीदारी कर एक हेक्टेयर में आलू की खेती करने किसानों को करीब 17 हजार पांच सौ रुपये अनुदान दिया जायेगा.
एक हेक्टेयर पर 17.5 हजार रुपये का मिलेगा अनुदान : उन्नत किस्म के बीजों का उत्पादन राज्य बीज निगम, सरकारी कृषि प्रक्षेत्रों तथा किसानों के प्रक्षेत्रों में किया जाता है. जिसे राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा ही बीजों को प्रमाणित किया जाता है. ऐसे बीज उन्नत श्रेणी के होते हैं. इसी तरह के बीजों का उत्पादन कर जिला उद्यान विभाग किसानों को उपलब्ध करा रहा है. उद्यान विभाग से ऐसे आलू के उन्नत आधार बीज से एक हेक्टेयर में खेती करनेवाले किसानों को करीब साढ़े 17 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है.
उद्यान कार्यालय के सहायक निदेशक सुरेंद्र प्रसाद राय ने बताया कि आलू की सबसे आधार बीज के उन्नतशील कुफरी पुखराज व कुफरी कंचन किस्म का बीज उपलब्ध है.
100 दिनों में होगा तैयार : आलू के आधार बीजों में कुफरी पोखराज व कुफरी कंचन बीज प्रथम श्रेणी का बीज है. कुफरी पोखराज की फसल 80 से 90 दिनों में तैयार होती है. वहीं कुफरी कंचन 100 दिनों में तैयार हो जाता है. इन दोनों बीजों की बोआई करने पर पाला, झुलसा नामक बीमारी नहीं होती है. एक हेक्टेयर में 350 से 400 क्विंटल उपज होती है.
फसल में नहीं लगेगी बीमारी : आधार बीज से खेती करनेवाले किसानों को डेढ़ गुणा अधिक उपज होती है. इससे उपज आलू भी बीज के श्रेणी में ही आता है. जिसे अगले वर्ष भी बोआई कर अच्छी पैदावार हासिल किया जा सकता है. आलू के कुफरी पोखराज व कुफरी कंचन बीज पर पाला झुलसा नामक बीमारी नहीं होती है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों से ठंड व पाला गिरने के कारण पारंपरिक तरीके व बीज से आलू की खेती करनेवालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है.
एक हेक्टेयर पर 17.5 हजार रुपये का मिलेगा अनुदान
फिलहाल नालंदा में मिल रहा बीज
जिले में फिलहाल आलू के प्रमाणित बीज उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन, जो किसान अच्छी पैदावार के लिए प्रमाणित आलू के बीजों को खरीदना चाहते हैं, उन्हें विभाग में आकर आवेदन देना होगा. स्वीकृति मिलने के बाद उक्त किसान नालंदा जिले से जाकर प्रमाणित बीज का क्रय कर सकते हैं और उन्हें अनुदान भी मिलेगा.
सुरेंद्र प्रसाद राय, सहायक निदेशक, जिला उद्यान विभाग, बक्सर

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