बक्सर. शहर की साफ-सफाई की देखरेख के लिए आउटसोर्सिंग पर रखे गये तकरीबन 14 सफाई पर्यवेक्षकों को बुधवार को हटा दिया गया. ये सफाई पर्यवेक्षक किसके आदेश पर हटाये गये इस संबंध में नप के इओ आशुतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर की सफाई की जिम्मेदारी उठाने वाली एजेंसी ने उन्हें हटाया है. ये वैसे लोग हैं जो अपना काम ठीक से नहीं करते हैं, जबकि चार साल से काम कर रहे सफाई पर्यवेक्षक गोपाल ने कहा कि बिना कारण बताये हटा दिया गया. इनका कहना है कि मंगलवार को नप के सफाई निरीक्षक आशुतोष कुमार ने कार्यालय में बुलाया और काम नहीं करने की बात कही. इसके लिए कोई पत्र नहीं दिया गया. पर्यवेक्षक भोला कुमार ने कहा कि बिना कारण बताये काम नहीं करने का फरमान जारी कर दिया गया है. यही आरोप धर्मेंद्र कुमार, मोहन तिवारी का भी है. काम नहीं करने को लेकर नाराज सफाई पर्यवेक्षक बुधवार को पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास जुटे थे. सभी काम नहीं करने का कारण जानना चाह रहे थे. मौके पर एजेंसी के इंचार्ज अभिषेक कुमार से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब इओ साहब देंगे. यही बात नप के सफाई निरीक्षक आशुतोष कुमार ने भी दिया. सफाई निरीक्षक पर सभी सफाई पर्यवेक्षक हटाने का आरोप लगा रहे थे. सफाई निरीक्षक ने कहा कि इस संदर्भ में आप ऑफिस में जाकर पूछिये. इधर काम से हटा दिये गये सफाई पर्यवेक्षक आंदोलन के मूड में हैं. इन सफाई पर्यवेक्षकों का कहना है कि एजेंसी ने दो माह का वेतन भी रोक कर रखा है. सफाईकर्मियों की भी हो रही छंटनी गौरतलब है कि शहर में पहले से 40 सफाई पर्यवेक्षक हैं. फरवरी में जब से नये एनजीओ को शहर की सफाई का जिम्मा एक करोड़ 14 लाख रुपये में मिला है तब से एजेंसी सफाई पर्यवेक्षक की संख्या लगातार घटा रही है. एक सप्ताह के अंदर 14 सफाई पर्यवेक्षक हटा दिये गये. वहीं, सफाई कर्मचारियों की संख्या भी लगातार घटायी जा रही है, जबकि सफाई का खर्च 80 लाख रुपये बढ़कर एक करोड़ 14 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है. वहीं, शहर की सफाई व्यवस्था भी पहले से चरमरा गयी है, जिसका कारण है कि शहर में अधिकांश जगहों से कचरों से दुर्गंंध उठ रही है.
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