बक्सर कोर्ट : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशिकांत चौधरी ने अप्राकृतिक यौनाचार के अभियुक्तों को सात वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. मंगलवार को खचाखच भरे न्यायालय में आरोपितों को सजा सुनायी गयी, जिसके बाद उन्हें कड़ी हिरासत में सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
घटना बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव की है. बताते चलें कि 17 सितंबर 1996 को सोनवर्षा गांव के रहनेवाले सुरेंद्र शर्मा रामलीला देखने के लिए गया था. इस क्रम में जब उसे नींद आने लगी. तब पास के ही बिहारी मिश्रा के होटल पर सोने के लिए चला गया, जहां उसी गांव के रहनेवाले गुड्डू मिश्रा एवं राजू मिश्रा ने उसे जबरन पकड़ लिया तथा जगन सिंह के चिमनी पर ले जाकर अप्राकृतिक यौनाचार किया. पीड़ित ने जब इसका विरोध किया तब अभियुक्तों ने उसके साथ मारपीट भी की तथा कट्टा निकालकर जान से मारने की धमकी दी थी. दूसरे दिन पीड़ित की हालत जब खराब होने लगी तो उसके परिजन डॉक्टर के पास ले गये,
जहां उसने डॉक्टर को अपने साथ हुई घटना की आपबीती सुनायी. मामले को थाना में दर्ज कराया गया. सुनवाई में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल नौ गवाहों की गवाही दर्ज की गयी, जिसके बाद प्रस्तुत साक्ष्य, दोनों पक्षों के बयानों एवं गवाहों की गवाही के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त गुड्डू मिश्रा एवं राजू मिश्रा को भारतीय दंड विधान की धारा 341, 323, 377/34 के तहत दोषी पाते हुए सात वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनायी. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसे पीड़ित को दिया जायेगा.