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पूर्व मंत्री के भाई समेत 20 पर एफआइआर

एसडीओ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई थी जांच सभी नामजद पाये गये दोषी डीएम के आदेश के बाद दर्ज करायी गयी प्राथमिकी चिह्नित करने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा जायेगा. नावानगर : पांच डिसमिल जमीन देने की बात कहने के मामले में पूर्व मंत्री बसंत सिंह के भाई […]

एसडीओ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई थी जांच सभी नामजद पाये गये दोषी

डीएम के आदेश के बाद दर्ज करायी गयी प्राथमिकी
चिह्नित करने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा जायेगा.
नावानगर : पांच डिसमिल जमीन देने की बात कहने के मामले में पूर्व मंत्री बसंत सिंह के भाई रंजीत सिंह राणा को महंगा पड़ गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी रमण कुमार ने एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जिसके बाद पूर्व मंत्री के भाई समेत 20 लोगों पर एफआइआर दर्ज की गयी है. उन पर विधि व्यवस्था बिगाड़ने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा है. इसे लेकर डीएम ने एसडीओ के नेतृत्व में टीम गठित कर शुक्रवार को मामले की जांच करने के लिए नावानगर भेजा था. जांच के दौरान उक्त मामला सही पाया गया. इसके बाद कुछ लोगों से पूछताछ भी की गयी.
साथ ही रंजीत सिंह राणा के नाम पर पैसा लेने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. जांच में यह बात सामने आयी कि जमीन देने के नाम पर जो फॉर्म भराया गया है वह एक बड़े स्कैम की तरफ इशारा कर रहा है.
जांच रिपोर्ट भी डुमरांव एसडीओ प्रमोद कुमार ने जिलाधिकारी को सौंप दी है. इधर इस घटना के बाद रंजीत सिंह राणा, सोनू गुप्ता को दोषी पाया गया. इसके बाद इन पर एफआइआर दर्ज करायी गयी. एफआइआर 20 अज्ञात लोगों पर भी की गयी है जो कहीं न कहीं से इस स्कैम का हिस्सा रहे है. फिलहाल ऐसे लोगों को पुलिस चिह्नित करने का कार्य कर रही है. चिह्नित करने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा जायेगा.
क्या कहते हैं रंजीत सिंह राणा
रंजीत सिंह राणा ने बताया कि गरीबों को पांच डिसमिल जमीन सरकार द्वारा देनी है, जो जमीन मेरे पास उपलब्ध है. इसे लेकर एक जुलाई को एक आंदोलन भी किया गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने जमीन न होने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि मैं उन गरीबों को अपनी जमीन दे रहा हूं जो सरकार का रूल है. उसके तहत मैं उनको जमीन देने के लिए तैयार हूं. मेरे तरफ से इस तरह की कोई फर्जी कागजात तैयार नहीं किया गया है.
क्या था मामला
जिले के नावानगर में भूमि का झांसा देकर राशि उगाही मामला सामने आया था. इसके बाद इसकी जानकारी जिलाधिकारी को प्रभात खबर के माध्यम से मिली. मामला संज्ञान में आते ही गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिये. शुक्रवार की सुबह अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार, एसडीपीओ केपी सिंह दल बल के साथ पहुंचे. इस दौरान जमीन का आवेदन बेच रहे तीन फोटो स्टेट दुकानदारों को हिरासत में लिया गया है. इस दौरान एसडीओ ने कई कागजातों को जब्त किया. साथ ही आवेदन देने आयीं सैकड़ों महिलाओं का बयान कलम बंद किया गया. वहीं प्रशासन की इस ठोस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. विदित हो कि जांच में यह पता चला कि पूर्व मंत्री के भाई रंजीत सिंह राणा द्वारा यह आवेदन निकाला गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि जिन भूमिहीनों के पास भूमि नहीं है. वे पांच डिसमिल भूमि की मांग रंजीत सिंह राणा से कर सकते हैं.

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