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बिहार: 5000 लोगों को मिल सकता है नौकरी का मौका, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाइकोर्ट को दिया सुनवाई का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने फार्मासिस्ट पद की योग्यता निर्धारण पर पटना हाइकोर्ट को सुनवाई का आदेश दिया है. जिसके बाद अब राज्य में बीफार्म पास करीब पांच हजार लोगों नौकरी के लिए आवेदन का मौका मिल सकता है.

बिहार में बीफार्म पास और फार्मेसी काउंसिल में निबंधित करीब पांच हजार बेरोजगारों को राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर आवेदन करने का मौका मिल सकता है. बिहार राज्य तकनीकी सेवा आयोग द्वारा सरकारी नौकरी को लेकर फार्मासिस्टों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें बीफार्म उत्तीर्ण युवाओं को आवेदन का अवसर नहीं दिया गया था. कानूनी पेच के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.

इधर, इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने फार्मासिस्टों की निर्धारित योग्यता में सुधार को लेकर दायर याचिका का निष्पादन करते हुए पटना उच्च न्यायालय को याचिकाकर्ता की मांगों को सुनने का आदेश पारित किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देशित किया कि बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली 2014 के प्रावधानों को चुनौती फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के आधार पर उच्च न्यायालय में की गयी है इस विचाराधीन याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा की जाये.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार बिहार तकनीकी सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 05/2023 को तब तक पूरा ना किया जाये जब तक पटना उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका की सुनवाई पूरा न कर ली जाती है. अगर विज्ञापन संख्या 05/2023 के फार्म भरने के अंतिम तिथि से पहले सुनवाई नहीं पूरी की जाती है तो पटना उच्च न्यायालय विज्ञापन में फार्म भरने का तिथि आगे बढ़ाये ताकि बीफार्म वाले याचिकाकर्ताओं के अधिकारों का हनन न हो.

सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देशित किया कि अपनी मांगों को पटना उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका में रखे या नयी याचिका दायर कर सुनवाई कराये. याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगायी थी कि बिना डीफार्म किये भी अभ्यर्थी बीफार्म और एमफार्म की डिग्री हासिल करते हैं. डीफार्म फार्मासिस्ट पद के लिए न्यूनतम योग्यता है , इसे अनिवार्य मानना न्यायसंगत नहीं है.

इधर, बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्य अर्जेश राज श्रीवास्तव ने बताया कि उच्च न्यायालय में फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली 2014 के प्रावधानों को फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के आधार पर चुनौती दी गयी है. बिहार के पूर्व नियमित और संविदा के सभी बहाली में बीफार्म अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है. फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार फार्मासिस्ट पद पर 12वीं के बाद बीफार्म, डीफार्म और फार्मडी करने वाले सभी अभ्यर्थी योग्य हैं.

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