शेखपुरा. महिलाएं केवल घर तक ही सीमित नहीं हैं. घर के चूल्हा-चौका के साथ-साथ अब जीविका से जुड़ी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र में भिन्न-भिन्न प्रकार के स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. कोई दुकान और मवेशी पालन कर अपना घर चला रही हैं तो कहीं महिलाएं सामूहिक रूप से कंपनी का निर्माण कर बड़े स्तर पर कारोबार कर रही है.महिला सशक्तिकरण हेतु चलाई जा रही बिहार सरकार की योजनाओं की जानकारी और इन योजनाओं से लाभ ले चुकी महिलाएं गांव-गांव में आयोजित किए जा रहे महिला संवाद में अपना अनुभव साझा कर बाकी महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं. मुख्यमंत्री के संदेश को सुनने और कई लाभदायक योजनाओं की जानकारी संवाद रथ के माध्यम से प्राप्त कर रही हैं. खुलकर अपनी आकांक्षाओं को रख रही हैं जिससे समाज में एक बेहतर वातावरण का निर्माण हो सके. गली-नाली के निर्माण से गंदगी दूर होगी तभी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा, खेतों में समुचित पानी की व्यवस्था हो जिसके लिए आहर-पैन का निर्माण हो और बिजली मुफ्त हो तो पंपसेट से खेतों में पटवन आसान हो सके, इन आकांक्षाओं को सरकार तक रखने का माध्यम बना है महिला संवाद. महिलाओं के साथ-साथ गांव की छात्राओं ने भी सरकार से अपनी आकांक्षाओं को साझा किया है. जिसमें मुख्य रूप से गांव में डिजिटल लाइब्रेरी हो और कंप्यूटर की पढ़ाई को विद्यालयों में अनिवार्य रूप से प्रतिदिन पढ़ाया जाए ताकि हर बच्चा 10 वीं तक कंप्यूटर में एक्सपर्ट हो जाए. महिला संवाद का कार्यक्रम गुरुवार को अरियरी प्रखंड के कसार पंचायत अंतर्गत बेलहारी गांव एवं चोरवर पंचायत के बरुणी गांव में, बरबीघा प्रखंड के पांक पंचायत के काजी फतुचक गांव में एवं केवटी पंचायत के सामुदायिक भवन में, चेवाड़ा प्रखंड अंतर्गत एकरामा पंचायत के गडुआ गांव एवं छठियारा पंचायत के लुटौत गांव में सामुदायिक भवन के निकट और सदर प्रखंड के मेंहूंस पंचायत अंतर्गत सामुदायिक भवन के पास एवं रसलपुर गांव में महिला संवाद आयोजित किया गया.
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