बिहारशरीफ. बिहारशरीफ शहर में किरायेदारों की बढ़ती संख्या सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गई है. 4.5 लाख की आबादी वाले इस शहर में लगभग 1.25 लाख लोग किरायेदार के रूप में रह रहे हैं, लेकिन अधिकांश का पुलिस सत्यापन अभी तक नहीं हुआ है. पुलिस विभाग के पास यह जानकारी तक नहीं है कि कौन व्यक्ति कहां, कब से और क्यों रह रहा है. शहर में आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग नौकरी, पढ़ाई और व्यवसाय के लिए आकर बसते हैं. किरायेदार सत्यापन न होने से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है. इसका नतीजा यह हुआ है कि हाल में चोरी, लूट और अपहरण जैसे मामलों में वृद्धि देखी गई है. पुलिस के अनुसार, मकान मालिकों को किरायेदार रखते समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, फोटो और पेशे की जानकारी थाने में जमा करनी चाहिए. लेकिन जागरूकता की कमी और लापरवाही के कारण अधिकांश मकान मालिक यह प्रक्रिया पूरी नहीं करते. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किरायेदारों की जानकारी थाने में दर्ज नहीं होने से अपराधियों की पहचान करने और उन पर कार्रवाई में बड़ी मुश्किल आती है. मकान मालिक अब भी इस मामले में गंभीर नहीं हैं. किरायेदार का सत्यापन न कराना दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध है. जिसमें 1 महीने की कैद या 200 रुपये जुर्माना का प्रावधान तक हैं. मानव जीवन को खतरा होने की स्थिति में 6 महीने की कैद या 1000 रुपये जुर्माना हो सकता है. पुलिस ने सभी मकान मालिकों से अपील की है कि वे किरायेदार रखने से पहले उनका सत्यापन अवश्य कराएं. इससे न केवल अपराधों पर रोक लगेगी, बल्कि शहर में सुरक्षित माहौल भी बनाया जा सकेगा. मुख्य बिंदु
4.5 लाख आबादी में अनुमानित 1.25 लाख किरायेदार
अधिकांश किरायेदारों का सत्यापन नहीं
मकान मालिक नहीं अपना रहे सत्यापन प्रक्रिया
कानून उल्लंघन पर जुर्माना और कैद का प्रावधान
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