शेखपुरा प्रधान जिला जज संतोष कुमार तिवारी ने नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत तलाशी और जब्ती के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने इस मामले में अरियरी थाना में तैनात तलाशी और जब्ती करने वाले पुलिस पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी और मामले के अनुसंधान दरोगा दिवाकर के साथ-साथ इस आपराधिक मामले के पर्यवेक्षक एसडीपीओ डॉ राकेश को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने इन सभी को शुक्रवार 21 नवंबर को न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर इस मामले को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. इन सभी के निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी पत्र में जारी किया है. इस संबंध में बताया गया कि अरियरी थाना पुलिस में 15 अक्टूबर को गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए धनकौल गांव से अब्दुल शबद खान को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अपने शिकायत में दर्ज किया कि अवैध हथियार उसके घर में रखे आलमीरा से बरामद किया गया. लेकिन इस मामले में अब्दुल शबद खान के द्वारा न्यायालय के समक्ष दायर जमानत याचिका में एक सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए दावा किया गया कि पुलिस ने उसके घर के सामने से हथियार बरामद करते हुए उसे अकरण इस मामले में आरोपी बना दिया. न्यायालय ने इस मामले में नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत तलाशी और जप्ती के समय पूरे मामले की वीडियोग्राफी पुलिस द्वारा नहीं कराया जाने को चौंकाने वाला बात मानते उसने इस मामले में हथियार मामले में छापामारी करने वाले अधिकारी से लेकर अनुसंधानकर्ता और पर्यवेक्षण कर्ता को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है.
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