बिहारशरीफ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जिले के कंहैयागंज में चार करोड़ 56 लाख की लागत से स्थापित होने वाले झूला कलस्टर के 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी अत्याधुनिक तकनीक से झूला निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री सूक्ष्म व लघु कलस्टर योजना के तहत झूला कलस्टर की स्वीकृति उद्योग विभाग द्वारा 2015 में मिली थी़ बताते चलें कि कंहैयागंज झूला उद्योग देश एवं विदेशों में एक अलग पहचान कायम किया था. विडंबना तो यह है कि इस झूला कलस्टर निर्माण पर तीन करोड़ सत्तर लाख कुल तीन किश्तों में अत्याधुनिक तकनीकयुक्त मशीनें एवं अन्य सामग्रियों के खरीदने में खर्च भी हो चुका है. धूल फांक रही कलस्टर की मशीनें : झूला कलस्टर के लिए लगायी गयी मशीनें धूल फांक रही है. जंग भी लग रहा है. योजना के तहत नब्बे प्रतिशत राज्य सरकार यानी चार करोड़ एक लाख खर्च करना है और 10 प्रतिशत की राशि सरकार द्वारा प्रोजेक्ट के अनुसार देने का प्रावधान है. कलस्टर उद्योग में शामिल 35 मेंबरों को 45 लाख देना है. एसपीवी द्वारा दिया गया दस प्रतिशत अंशदान का 45 लाख रुपये अभी तक जमा नहीं किया गया है. उद्योग विभाग द्वारा अनेकों बार पत्राचार करने के बावजूद अंशदान की राशि कलस्टर मेंबरों द्वारा जमा नहीं किया गया है. ट्रांसफॉर्मर के लिए तीन बार निकला टेंडर : कलस्टर उद्योग में कार्य शुरू नहीं करने के कई तकनीकी कारण है. इसमें मुख्य कारण बिजली कनेक्शन के लिए विभाग द्वारा छब्बीस लाख रुपये सुरक्षित राशि जमा नहीं किया गया है. जिला उद्योग केंद्र द्वारा एक हजार के ट्रांसफॉर्मर खरीदने के लिए तीन बार टेंडर निकाला गया था. लेकिन इसमें कलस्टर मेंबर शामिल नहीं हो सके थे़ क्या कहते हैं अधिकारी उद्योग विभाग झूला कलस्टर को शीघ्र चालू करने के लिए प्रत्यनशील है. इसके लिए महाप्रबंधक के निर्देशन में बीते एक नवंबर को बैठक की गयी थी. इस कलस्टर को शुरू करने में आ रही बाधाएं को दूर करने के लिए सकारात्मक कार्य किया जा रहा है. कलस्टर के शुरू हो जाने से सैकड़ों बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकेगा. सचिन कुमार, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, नालंदा
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