शेखपुरा. पूर्व सांसद स्व. राजो सिंह ने वर्ष 2001 में जिस उद्देश्य के साथ जिला पुस्तकालय भवन का निर्माण किया था. उसे 24 साल बाद डीएम आरिफ अहसन के पहल पर सरकार किया गया. इसके पहले उक्त भवन में जिला शिक्षा कार्यालय का संचालन कई वर्षों तक होता रहा. शिक्षा विभाग से जिला पुस्तकालय भवन को मुक्त कराकर उसे साकार करने के लिए छात्र नेताओं ने पहल कदमी की थी. इस मुद्दे को लेकर छात्र नेता प्रेम कुमार एवं आकाश कश्यप लम्बे समय तक मुद्दे को उठाते रहे. भवन की स्थिति भी काफी जर्जर हो गयी थी. आखिर कार भवन को न सिर्फ खाली कराया गया बल्कि जीर्णोद्धार कार्य भी कराया गया. 24 साल बाद जिला पुस्तकालय जब साकार हुआ तब यहां सेल्फ स्टडी के लिए छात्र भी जुटने लगे, हालांकि छात्र अभी भी यहां कई सुविधाओं की कमी की बात कर रहे हैं. फिर भी निशुल्क व्यवस्था की शुरुआत से छात्रों के चेहरे खिल रहे.
सुविधा बढ़ाने की उठने लगी मांग
पुस्तकालय में सेल्फ स्टडी के लिए अध्यनरत छात्र अमरजीत कुमार ,नेहाल कुमार,संतशरण यादव,सुबेन्द्र सिंह सुक्खू,अभिषेक कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी आरिफ अहसन ने काफी बेहतर पहलकदमी कर जिला पुस्तकालय को साकार किया है. निजी पुस्तकालय में एक हजार रूपये से 15 सौ रूपये तक प्रतिमाह फीस का भुगतान करना पड़ता है. लेकिन निःशुल्क सुविधा मिलने से काफी राहत हुई है. पुस्तकालय भवन में फिलहाल वाई-फाई, बैटरी, इनवर्टर,एसी, सफाई कर्मी सहित अन्य सुविधाओं का अभाव है. इसके साथ ही पुस्तकालय भवन में सेल्फ स्टडी सीट का विस्तार भी किया जाना अनिवार्य है. पुस्तकालय परिसर में खाली पड़े जगह पर स्टडी सीट का विस्तार किया जा सकता है.
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