Bihar Politics : बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल कांग्रेस अपनी सहयोगी आरजेडी को लगातार झटका दे रही है. कांग्रेस ने मंगलवार देर शाम अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर राजेश कुमार को पार्टी का सौंप दिया. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने पहली बार ऐसा कोई फैसला लिया है जिससे आरजेडी असहज महसूस कर रही है. इससे पहले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने पूरे बिहार में पलायन रोको यात्रा शुरू किया है. जिसकी वजह से भी आरजेडी के नेता परेशान है. इसके बावजूद हालांकि मुख्य विपक्षी दल के नेता खुलकर कुछ बोल नहीं रहे हैं.

कन्हैया के बिहार आने से तेजस्वी को खतरा
कांग्रेस बिहार में अपना खोया हुआ जनाधार फिर से पाना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने कन्हैया कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ नाम से पदयात्रा शुरू की है. यह यात्रा पश्चिमी चंपारण के भीतिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई है और विभिन्न जिलों से होकर 14 अप्रैल को राजधानी पटना पहुंचेगी. इस यात्रा में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं. जो कि आगे चलकर तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकते है.

लालू यादव से करीबी बनी अखिलेश प्रसाद सिंह के छुट्टी की वजह
बताया जा रहा है कि अखिलेश प्रसाद सिंह की बिहार कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी लालू यादव के करीबी होने की वजह से छिनी है. बिहार के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से भी उनकी नहीं बन पाई है. वहीं, ये जगजाहिर है कि अखिलेश प्रसाद सिंह लालू यादव की कृपा की वजह से ही राज्यसभा में पहुंच पाए हैं. ऐसे में सिंह के बिहार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से जाना भी राजद प्रमुख के लिए किसी झटके से कम नहीं है.
इसे भी पढ़ें : गया स्टेशन पर हर दिन पहुंच रहे एक लाख यात्री, जानें ऐसा क्यों कर रहे लोग