Bihar News: बिहार के सुपौल जिले के लिए नया साल 2026 बड़ी खुशखबरी लेकर आने वाला है. सहरसा–फारबिसगंज रेलखंड पर सरायगढ़ जंक्शन से पहले बैजनाथपुर–झाझा के बीच बनाई जा रही बाईपास रेलवे लाइन का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो नए वर्ष की शुरुआत में ही इस बहुप्रतीक्षित बाईपास रेल लाइन का उद्घाटन कर दिया जाएगा. इसके चालू होते ही सुपौल और आसपास के इलाकों की रेल कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
क्यों जरूरी थी बैजनाथपुर–झाझा बाईपास रेल लाइन
यह बाईपास रेल लाइन परिचालन के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है. अभी तक सहरसा से दरभंगा, पटना और अन्य बड़े शहरों की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को सरायगढ़ जंक्शन पर रुकना और रूट बदलना पड़ता है. इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि भीड़ और संचालन से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं. नई बाईपास लाइन शुरू होने के बाद ज्यादातर ट्रेनें सरायगढ़ की जगह बैजनाथपुर जंक्शन होकर चलेगी.
यात्रियों का बचेगा समय
सहरसा से दरभंगा और वहां से लौटने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनें इसी बाईपास रेल लाइन से चलाई जाएंगी. इससे यात्रियों का समय बचेगा और सफर पहले की तुलना में अधिक आरामदायक और सुगम हो जाएगा. खासकर नौकरीपेशा यात्रियों और लंबी दूरी तय करने वालों को इससे बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
रोजगार और व्यापार के नए अवसर
बैजनाथपुर और झाझा इलाके में बन रहे जंक्क्शन शुरू होने से व्यापार, रोजगार और आवागमन के नए अवसर पैदा होंगे. होटल, परिवहन, छोटे व्यापार और स्थानीय बाजारों को इससे सीधा लाभ मिलेगा. सुपौल, सरायगढ़, बैजनाथपुर और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास को यह परियोजना नई दिशा दे सकती है.
निरीक्षण के बाद तय होगी उद्घाटन की तारीख
निर्माण कार्य से जुड़े कर्मचारियों के अनुसार रेल लाइन बिछाने, सिग्नलिंग सिस्टम और प्लेटफॉर्म से जुड़े अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं. शेष बचे कामों को तेजी से पूरा किया जा रहा है. रेलवे की तकनीकी टीम द्वारा निरीक्षण के बाद ही उद्घाटन की अंतिम तारीख तय की जाएगी. यह बाईपास रेल लाइन पूरे क्षेत्र के विकास को नई रफ्तार देने वाली साबित होगी.

