Bihar News: (मोनु कुमार मिश्रा,बिहटा) राजधानी पटना में पुलिस ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात महाकाल गैंग का पर्दाफाश किया है.यह गैंग अवैध हथियारों और कारतूस की तस्करी करता था और सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ वीडियो बनाकर युवाओं में डर और अपराध की भावना फैलाने की कोशिश करता था.नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बिहटा थाना क्षेत्र के घोड़ाटाप गांव में छापेमारी की.इस दौरान गैंग के दो सक्रिय सदस्य हरेराम सिंह (57 वर्ष) और विनीत कुमार (25 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है.
भारी मात्रा में मिले हथियार
तलाशी के दौरान भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और नकद राशि बरामद हुई.पुलिस ने बताया कि बरामदगी में 2 रायफल, 1 अन्य गन, 1 रिवॉल्वर, 340 जिंदा कारतूस (12 बोर, .315 बोर, 7.65 एमएम, .32 बोर), 5.07 लाख रुपये नकद और 3 मोबाइल व अन्य सामान शामिल है. गिरफ्तार दोनों के खिलाफ बिहटा थाना कांड दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
सोशल मीडिया पर रील्स बनाता था कलाकार अभिषेक
सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि इस गिरोह का लीडर भोजपुरी कलाकार अभिषेक सिंह है, जो सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ रील बनाकर चर्चा में रहता था. उसके अन्य सहयोगी सोनू कुमार, सुमीत कुमार और निरंजन कुमार भी इस गैंग से जुड़े हुए हैं. सोनू और सुमीत को पहले ही 13 जुलाई 2025 को 80 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
गलत रील बनाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
पुलिस ने कहा कि कुछ भोजपुरी गायक हथियारों और गोलियों के साथ वीडियो बनाकर युवाओं में अपराध और हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं.इस तरह के गैंग सोशल मीडिया को अपना दबदबा कायम करने का जरिया बना रहे हैं, जिस पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने चेतावनी दी कि कानून को चुनौती देने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और समाज को इस दिशा में सजग रहने की आवश्यकता है.
भोजपुरी गानों में हिंसा और हथियार का बढ़ता क्रेज
भोजपुरी गानों का असर आम लोगों के बीच तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अब इन गानों में अश्लीलता और हिंसा दोनों ही तेजी से जगह बना रहे हैं. अभी के दौर में कई भोजपुरी गायक ऐसे गीत गा रहे हैं जिनमें खुलेआम हथियार, गोली–बंदूक और मारपीट का प्रचार किया जा रहा है.रोज घरेला आवे का थाना हमार, थाना बसल बारे बाप के जमीन पर, रेल दिया जाएगा, राइफल उठा लेंगे, जैसे गानों पर युवा हथियार लेकर रील बना रहे हैं. इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर इन गानों पर आधारित वीडियो में युवक हाथ में बंदूक और रायफल लहराते नजर आते हैं.
किस ओर जा रहा है सामाज?
समाजशास्त्रियों और शिक्षाविदों का मानना है कि ऐसे गानों से नौजवानों के मन में हिंसा और अपराध को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. मनोरंजन की आड़ में हथियार संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है, जो समाज के लिए गंभीर खतरा है.स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे गानों और उन पर बन रहे वीडियो पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए. सवाल यह है कि जब संगीत और कला का उद्देश्य समाज को जोड़ना और सकारात्मक दिशा देना होता है, तो आखिर भोजपुरी संगीत का एक बड़ा हिस्सा हिंसा और डर फैलाने वाला क्यों बनता जा रहा है.समाज किस ओर जा रहा है. यह सोचने का समय अब आ गया है

