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Bihar News: बिहार के इस शहर में गरीब महिलाओं की बदल रही किस्मत, अबतक इतनों को मिला रोजगार..जानिए कैसे

Bihar News: गया जिले में महिलाओं के लिए नई उम्मीद बन रही है जीविका की ये पहल. 24 प्रखंडों में 52 सिलाई सेंटर खुले हैं, जहां तीन हजार महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई की स्पेशल ट्रेनिंग मिल रही हैं. इन केंद्रों पर आंगनबाड़ी बच्चों के लिए कपड़े बनाए जा रहे हैं. इस पहल से महिलाओं को काम मिल रहा है और वो आत्मनिर्भर बन रही हैं.

Bihar News:गया की महिलाएं अब सिलाई-कढ़ाई के जरिये आत्मनिर्भर बन रही हैं. आंगनबाड़ी बच्चों के लिए कपड़े तैयार कर वो न सिर्फ पैसा कमा रही हैं, बल्कि समाज में नई पहचान भी बना रही हैं.यह बदलाव जीविका की पहल से आया है. इसके तहत जिले के 24 प्रखंडों में 52 सिलाई सेंटर खोले गए हैं, जहां तीन हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है .इन केंद्रों पर महिलाएं आंगनबाड़ी बच्चों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े तैयार करेंगी. इससे उन्हें नियमित आय का साधन मिलेगा और समाज में नई पहचान बनाने का मौका भी.

विशेषज्ञों द्वारा मिल रही ट्रेनिंग

जीविका की योजना के तहत हर केंद्र पर 25 महिलाओं का एक ग्रुप बनाया गया है. इन्हें विशेषज्ञों  द्वारा सात दिन की खास ट्रेनिंग दी जा रही है. इस दौरान महिलाओं को सिखाया जा रहा है कि कपड़े की कटाई के बाद उन्हें सिलाई मशीन से किस तरह जोड़कर सुंदर और फिटिंग वाला ड्रेस तैयार किया जाए, जो बिल्कुल रेडिमेड जैसा दिखे.

शिफ्टों में चलती है क्लास

प्रत्येक केंद्र पर महिलाओं को दो शिफ्ट में बांटा गया है. सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक पहला बैच काम करेगा, जबकि दोपहर 2 से रात 8 बजे तक दूसरा बैच. हर सेंटर पर 25 मशीनें लगाई गई हैं ताकि अधिक से अधिक महिलाएं रोजगार पा सकें.बड़े शहरों से आए कपड़ों की कटिंग का काम नीमचक-बथानी प्रखंड में अनुभवी महिला कारीगर करेंगी. अलग-अलग साइज में कपड़े काटकर उन्हें जिले के 24 प्रखंडों के सिलाई सेंटर तक भेजा जाएगा.

एक लाख बच्चों को मिलेगी नई यूनिफॉर्म

जीविका ने आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले एक लाख बच्चों के लिए दो-दो सेट ड्रेस तैयार करने का जिम्मा लिया है. यानी कुल दो लाख पोशाक बनाई जाएंगी. इस काम में तीन हजार महिलाएं सीधे तौर पर शामिल होंगी.इससे महिलाओं की कमाई बढ़ेगी, उन्हें सिलाई का स्थायी हुनर मिलेगा और ग्रामीण इकोनॉमी को भी मजबूती मिलेगी. घर बैठे रोजगार का अवसर मिलने से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी.

क्या है जीविका

जीविका बिहार सरकार की एक बड़ी योजना है, जिसे ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को रोजगार, ट्रेनिंग और आत्मनिर्भर बनने का मौका देना है. जीविका के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) बनाए जाते हैं, जिन्हें छोटे-छोटे व्यवसाय, सिलाई-कढ़ाई, पशुपालन और खेती जैसे कामों से जोड़ा जाता है.

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JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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