22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Bihar News: भाई वीरेंद्र बने लोक लेखा समिति के सभापति, नीतीश मिश्र को प्राक्कलन समिति की जिम्मेदारी

Bihar News: बिहार विधानसभा में समितियों के गठन के साथ ही सत्ता और विपक्ष के बीच संतुलन की नई तस्वीर सामने आ गई है. अहम समितियों की कमान अब किन हाथों में गई है, यह सियासी समीकरणों को भी साफ दिखा रहा है.

Bihar News: बिहार विधानसभा की सभी 19 समितियों का औपचारिक गठन कर दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार की स्वीकृति के बाद सभापति और सदस्यों की सूची जारी कर दी गई. इस गठन में सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र को लोक लेखा समिति का सभापति बनाया गया है, जबकि प्राक्कलन समिति की कमान भाजपा विधायक नीतीश मिश्र को सौंपी गई है. सभी समितियों का कार्यकाल 31 मार्च 2026 तक निर्धारित किया गया है.

लोक लेखा समिति की कमान भाई वीरेंद्र के हाथ

लोक लेखा समिति को विधानसभा की सबसे अहम निगरानी समितियों में गिना जाता है. सरकारी खर्च और वित्तीय अनुशासन पर नजर रखने वाली इस समिति के सभापति के रूप में भाई वीरेंद्र की नियुक्ति को विपक्ष की मजबूत भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है. इस समिति में कुल 12 विधायक सदस्य बनाए गए हैं, जो सरकारी खातों और ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे.

प्राक्कलन समिति के जरिए सरकार के खर्च और योजनाओं के अनुमानों की जांच की जाती है. इस समिति के सभापति के तौर पर नीतीश मिश्र की नियुक्ति हुई है. समिति में कुल 16 सदस्य शामिल किए गए हैं, जो बजट और वित्तीय प्रस्तावों पर अपनी राय देंगे.

अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार के पास तीन अहम समितियां

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार को नियम समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति का सभापति बनाया गया है. नियम समिति में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री लेशी सिंह के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, कांग्रेस और वाम दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इससे साफ है कि नियमों और कार्यप्रणाली से जुड़े मामलों में सत्ता और विपक्ष दोनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.

जदयू और भाजपा में बराबरी का बंटवारा

कुल 19 समितियों में से सात-सात समितियों के सभापति जदयू और भाजपा कोटे में गए हैं. यह गठन एनडीए के भीतर संतुलन और साझेदारी को भी दर्शाता है. अल्पसंख्यक कल्याण समिति की जिम्मेदारी एआईएमआईएम के अख्तरुल इमान को सौंपी गई है, जिससे विपक्षी दलों को भी प्रतिनिधित्व मिला है.

सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति की कमान हरिनारायण सिंह को दी गई है. याचिका समिति के सभापति जनक सिंह बनाए गए हैं, जबकि राजकीय आश्वासन समिति की जिम्मेदारी दामोदर रावत को सौंपी गई है. प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति के सभापति अमरेंद्र कुमार पांडेय बने हैं. जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति की अध्यक्षता शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल करेंगे. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के सभापति संतोष कुमार निराला बनाए गए हैं.

महिला, पर्यावरण और विरासत से जुड़ी समितियां

महिला एवं बाल विकास समिति की सभापति अश्वमेध देवी बनी हैं. पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति की जिम्मेदारी अवधेश सिंह को सौंपी गई है. बिहार विरासत विकास समिति की सभापति रेणु देवी बनाई गई हैं, जबकि कारा सुधार समिति की कमान निशा सिंह के हाथों में गई है.

सभी समितियों के गठन के साथ अब विधानसभा का विधायी और निगरानी कार्य और अधिक सक्रिय होने की उम्मीद है. इन समितियों के जरिए नीतियों, योजनाओं और प्रशासनिक कामकाज पर गहन समीक्षा की जाएगी, जिसका असर आने वाले महीनों में साफ दिखेगा.

Also Read: Bihar Board: बिहार बोर्ड ने रचा इतिहास, देश में पहली बार एक साथ पाये तीन आइएसओ सर्टिफिकेट

Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel