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MP व UP से नहीं मिल रहा बिहार के हिस्से का पूरा पानी, आठ जिलों में जल संकट, किसान चिंतित

सोन नहरों में पानी खोले जाने के बाद रिहंद (यूपी) और बाणसागर (एमपी) जलाशय से बिहार के हिस्से का पानी कम आ रहा है. वहीं, मौसम की बेरुखी से बारिश कम होने की वजह से बराज के कैचमेंट एरिया में पानी की कमी हो गयी है. इसके कारण सोन कमांड क्षेत्र के आठ जिलों में जलसंकट गहराने लगा है

खरीफ फसल के लिए रोहतास जिले में स्थित इंद्रपुरी बराज से 25 मई को सोन नहरों में पानी खोले जाने के बाद रिहंद (यूपी) और बाणसागर (एमपी) जलाशय से बिहार के हिस्से का पानी कम आ रहा है. वहीं, मौसम की बेरुखी से बारिश कम होने की वजह से बराज के कैचमेंट एरिया में पानी की कमी हो गयी है. इसके कारण सोन कमांड क्षेत्र के आठ जिलों में जलसंकट गहराने लगा है. इससे नहरों में पानी की आपूर्ति कम हो रही है. नतीजतन, धान का बीज डालने को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं. इस स्थिति की भयावहता को भाप सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रिहंद जलाशय से पानी के लिए आग्रह किया है. हालांकि, साधन संपन्न किसान अपने संसाधनों से खेत का पटवन कर धान का बिचड़ा डाल रहे हैं. पर वे भी तैयार बीज के पटवन के लिए नहरों में पानी का इंतजार कर रहे हैं.

मॉनसून पर टिकी हैं किसानों की निगाहें

शनिवार की सुबह आठ बजे बराज पर 3151 क्यूसेक पानी की उपलब्धता बतायी जा रही है. बराज पर पानी का लेवल 348.7 फुट है. यहां से पूर्वी संयोजक नहर में 420 क्यूसेक, पश्चिमी संयोजक नहर में 2020 क्यूसेक, पश्चिमी समानांतर संयोजक नहर में 711 क्यूसेक, पश्चिमी सोन उच्च स्तरीय नहर में 346 क्यूसेक, कुदरा वितरणी में 15 क्यूसेक , पश्चिमी मुख्य नहर डेहरी फॉल में 1246 क्यूसेक, बक्सर मुख्य नहर में 426 क्यूसेक, आरा मुख्य नहर 906 क्यूसेक, डुमरांव शाखा नहर में 64 क्यूसेक, बक्सर शाखा नहर में 54 क्यूसेक, चौसा शाखा नहर में 100 क्यूसेक, गारा चौबे शाखा नहर में 261 क्यूसेक व करगहर वितरणी में 40 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

वहीं, शुक्रवार की सुबह आठ बजे बराज पर 2952 क्यूसेक पानी की उपलब्धता बतायी गयी थी. बराज पर पानी का लेवल 348.5 फुट है. यहां से पूर्वी संयोजक नहर में 353 क्यूसेक, पश्चिमी संयोजक नहर में 1888 क्यूसेक पश्चिमी समानांतर संयोजक नहर में 711 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे पहले गुरुवार की सुबह आठ बजे बराज पर 3055 क्यूसेक पानी की उपलब्धता बतायी गयी थी. बराज पर पानी का लेवल 348.6 फुट है. यहां से पूर्वी संयोजक नहर में 387 क्यूसेक, पश्चिमी संयोजक नहर में 1957 क्यूसेक, पश्चिमी समानांतर संयोजक नहर में 711 क्यूसेक, पानी छोड़ा गया है इसके बावजूद नहरों में पानी आने की मात्रा काफी कम होने से कम जोत वाले किसानों की निगाहें मानसून पर टिकी हैं. किसानों का मानना है कि बराज के ऊपरी हिस्से में पानी की आवक कम होने और समय से मॉनसून नहीं आने की स्थिति में किसानों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो जायेगी. इसको लेकर नहर क्षेत्र के किसान अब भगवान इंद्रदेव की कृपा पर निर्भर हैं.

रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालते ही बराज व उससे जुड़ी नहरों में कम हुई पानी की आवक

विभागीय सूत्रों के अनुसार, इंद्रपुरी बराज से खरीफ फसल के लिए आमतौर पर नहरों में पानी छोड़ने के लिए बराज पर पानी का लेवल 355 फुट होना चाहिए. वहीं, पश्चिमी संयोजक नहर में 8700 क्यूसेक ,पश्चिमी समानांतर संयोजक नहर में 5700 क्यूसेक व पूर्वी संयोजक नहर में 4400 क्यूसेक रूपांकित पानी छोड़ना है. लेकिन बराज पर पानी की उपलब्धता कम होने के कारण नहरों में पानी कम छोड़ा जा रहा है. भीषण गर्मी के चलते रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने वाले किसानों की संख्या कम ही रही है. मृगड़ाह नक्षत्र चढ़ते ही नहरों में पानी की आवक कम हो गयी है. धान का बिचड़ा डालने व धान की रोपनी के लिए आगामी 22 जून को उपयुक्त आर्द्रा नक्षत्र शुरू हो जायेगा. फिलहाल, नहरों को सुचारू रूप से चलाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी ने रिहंद जलाशय के अधिकारी से प्रतिदिन 10 हजार एकड़ फुट यानी 5000 क्यूसेक पानी बराज को उपलब्ध कराने की डिमांड की है. उसके अनुसार रिहंद जलाशय से बराज पर पानी नहीं आ रहा है. आशा है कि मॉनसून की सक्रियता से जल्द ही बराज के कैचमेंट एरिया में बारिश होगी और अधिक जलस्राव उपलब्ध होगा.

रिहंद जलाशय से बराज को मिल रहे पानी पर एक नजर

रिहंद जलाशय ने शनिवार को 5851.15 क्यूसेक, शुक्रवार को 6337.50 क्यूसेक व गुरुवार को 3613.86 क्यूसेक पानी बराज को दिया है. इसे बराज पर पहुंचने में 24 घंटे लगते हैं. फिलहाल बराज पर जो पानी मिल रहा है, वह नहरों में दिया जा रहा है. बराज में पानी का लेवल मेंटेन रखने के लिए सोन नदी के निचले हिस्से में पानी डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है. वाणसागर जलाशय से बराज को पानी नहीं मिल रहा है

इन शाखा नहर वितरणी में नहीं जा रहा है पानी

शनिवार को कसेर वितरणी, वेतरी वितरणी, लहठान वितरणी, बिहिया शाखा नहर, कटैया वितरणी, डिलिया नारायणपुर वितरणी, जैतपुर वितरणी, कोईलवर वितरणी व भोजपुर वितरणी में पानी नहीं दिया गया है. इसको लेकर क्षेत्र के किसान चिंतित हैं.

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चार लाख 86 हजार 253 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य

सिंचाई मुख्य अभियंता परिक्षेत्र में इस बार खरीफ फसल की सिंचाई का निर्धारित लक्ष्य चार लाख 86 हजार 253 हेक्टेयर भूमि रखा गया है. इसको लेकर विभिन्न नहरों में जलस्राव प्रवाहित किया जा रहा है. फिलहाल, बराज पर उपलब्ध जलस्राव को नहरों में प्रवाहित कर किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान की जा रही है. मौसम की बेरुखी से बारिश कम होने की वजह से बराज के कैचमेंट एरिया में पानी की कमी होने से बराज पर पानी कम उपलब्ध है. आशा है कि भगवान इंद्रदेव की कृपा से बराज के कैचमेंट एरिया में बारिश होगी और अधिक जलस्राव उपलब्ध होगा.

क्या कहते हैं मुख्य अभियंता

इंद्रपुरी बराज पर पानी कम है. जो बराज पर पानी मिल रहा है, वह नहरों में दिया जा रहा है. रिहंद जलाशय के अधिकारी से पानी की मांग की गयी है. वहां से थोड़ा-थोड़ा पानी मिल रहा है. बारिश नहीं होने की वजह से पानी की दिक्कत है. बिहार, यूपी व एमपी में बारिश नहीं हो रही है. सभी जगह लू चल रही है. रिहंद जलाशय के कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं होने की वजह से वहां से पानी देना मुश्किल हो रहा है. -अश्विनी कुमार, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग डेहरी.

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