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बिहार: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले जान लें नया नियम, परमानेंट के लिए एक माह पहले कटाना होगा चालान

बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गयी है. मगर टेस्टिंग के स्लॉट में वेटिंग के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल के कुछ दिनों में परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में कई बदलाव किये गये हैं.

बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गयी है. मगर टेस्टिंग के स्लॉट में वेटिंग के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल के कुछ दिनों में परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में कई बदलाव किये गये हैं. पहले स्टेप में लर्निंग लाइसेंस का आवेदन होता है, जिसके बनने के एक माह बाद फाइनल लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है. लर्निंग लाइसेंस के आवेदन के बाद ऑनलाइन कंप्यूटर पर टेस्टिंग के लिए स्लॉट की बुकिंग होती है, जिसमें चालक अपनी सुविधा अनुसार तिथि चुनते है. तय तिथि को वह अगर टेस्टिंग के लिए नहीं जा पाते है तो उन्हें दूसरे दिन के लिए फिर से स्लॉट बुक करना होता है.

दो सप्ताह की वेटिंग

लर्निंग लाइसेंस की वैद्यता छह माह की होती है, बनने के एक माह के बाद फाइनल लाइसेंस का आवेदन होता है. लेकिन इस दिनों में स्लॉट कम उपलब्ध होने के कारण दो सप्ताह से अधिक तक की वेटिंग जा रही है. कई मामले ऐसे आये हैं, जिसमें चालान तो कट गया लेकिन स्लॉट बुकिंग में जगह खाली नहीं होने के कारण जिस दिन स्लॉट बुकिंग का समय आया, उस दिन लर्निंग लाइसेंस की वैद्यता समाप्त हो गयी है. अब इसमें वाहन चालक का चालान का साढ़े तीन हजार रुपया डूब जाता है. कई बार जानकारी के अभाव में वाहन मालिक फाइनल लाइसेंस के चालान में विलंब करते हैं. इससे बचाव का सबसे आसान तरीका है कि जब वाहन चालक के लर्निंग लाइसेंस की वैद्यता एक माह शेष रहे उस समय तक फाइनल का चालान कटा ले. ताकि स्लॉट में विलंब होने पर भी उनके लर्निंग लाइसेंस की वैद्यता बची रहे.

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चालक वैद्यता का रखें ध्यान: डीटीओ

मामले में डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि सारा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड हो चुका है. लर्निंग लाइसेंस के बाद चालक को जो छह माह का समय मिलता है उसमें चालक पूरी तरह ड्राइविंग सीख ले और फाइनल की टेस्टिंग दे. चालान और स्लॉट सब सेंट्रल सर्वर से जुड़ा है ऐसे में चालक उसकी वैद्यता का ध्यान रखे.

लर्निंग का स्लाॅट रात में और फाइनल का दिन में

लर्निंग लाइसेंस में टेस्टिंग का स्लॉट रात के 11 से सुबह के 12 बजे तक ही बुक होता है, जबकि फाइनल लाइसेंस का स्लॉट दिन में 1 से रात के 8 बजे तक बुक होता है. फाइनल लाइसेंस का चालान कटाने के बाद टेस्टिंग के स्लॉट की तिथि के समय अगर लर्निंग लाइसेंस की वैद्यता समाप्त हो रही है. तो चालक को फिर से लर्निंग लाइसेंस के रिनुवल का चालान कटाना होता है. उसके रिनुवल के बाद चालक फिर से पुराने फाइनल लाइसेंस के आवेदन पर नया स्लॉट बुक करके टेस्ट दे सकता है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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