Bihar Crime: पटना की सड़कों पर पिछले कुछ दिनों से रातें बेचैन थीं. रामकृष्णानगर, कंकड़बाग और आसपास के इलाकों में एक अजीब पैटर्न उभर रहा था. रैपिडो बुकिंग के नाम पर कॉल आती, बाइक सवार पहुंचता और फिर सुनसान मोड़ पर शुरू हो जाती लूट की कहानी. मोबाइल, नकदी और भरोसा सब कुछ छिन जाता.
अब इस दहशत की कहानी में एक मोड़ आया है. पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसकी बाइक पर बैठकर लोग सफर नहीं, बल्कि खौफ की सैर पर निकल रहे थे.
जब सफर छलावा बन गया
रात की घंटी भरोसे की थी. लोग समझते थे कि यह रोजमर्रा की डिजिटल जिंदगी का हिस्सा है. ऐप, बाइक और ड्राइवर सब कुछ सामान्य. लेकिन असल में यह एक जाल था. आरोपी पहले रैपिडो बुकिंग के जरिए कस्टमर को सुनसान इलाके तक ले जाता या वहीं बुलाता. फिर अचानक हालात बदल जाते. चाकू निकलता, आवाज सख्त होती और सामने खड़ा शख्स लुटेरा बन जाता.
लगातार मिल रही शिकायतों ने पुलिस को भी बेचैन कर दिया. हर वारदात के बाद वही कहानी, वही तरीका. अंधेरी सड़क, सुनसान मोड़ और एक बाइक जो लूट के बाद अंधेरे में गायब हो जाती. लोगों के मन में डर बैठ गया था अब मोबाइल की हर घंटी शक पैदा करने लगी थी.
अंधेरे में रोशनी बनी गिरफ्तारी
शनिवार और रविवार की दरमियानी रात पुलिस की मेहनत रंग लाई. फुलवारी शरीफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के एक सदस्य को दबोच लिया. आरोपी ने अपना नाम सोनू कुमार बताया. उम्र करीब 25 साल. नालंदा के सुंदर बिगहा का रहने वाला. तलाशी में जो मिला, उसने पूरी कहानी खोल दी. उसके पास से छीना गया मोबाइल फोन, लूट की रकम ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया गया फोन-पे वाला मोबाइल, दो एंड्रॉयड फोन, एक चाकू और वही हीरो स्प्लेंडर बाइक बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल वारदातों में किया जा रहा था.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अकेला नहीं हो सकता. जिस तरीके से वारदातें अंजाम दी जा रही थीं, उससे एक पूरे नेटवर्क की आशंका है. पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि इस एक गिरफ्तारी से रैपिडो बुकिंग के नाम पर लूट करने वाले गिरोह की पूरी परतें खुलेंगी.
डिजिटल सुविधा और बढ़ता खतरा
यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी की खबर नहीं है. यह उस भरोसे पर सवाल है, जो लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आंख मूंदकर कर लेते हैं. ऐप आधारित सेवाएं जहां सुविधा देती हैं, वहीं अपराधियों के लिए नए रास्ते भी खोलती हैं. पुलिस का कहना है कि लोग सतर्क रहें, खासकर रात के समय सुनसान इलाकों में सफर करते वक्त.
फिलहाल आरोपी न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. क्योंकि शहर की सड़कों पर अब भी रात होती है, मोबाइल बजते हैं और हर बार एक सवाल मन में गूंजता है. अगली घंटी किसी सफर की होगी, या फिर किसी नई साजिश की?
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