Butan Chaudhary: बिहार के भोजपुर जिले में कुख्यात अपराधी बुटन चौधरी की तलाश एक बार फिर तेज हो गई है. STF ने जब सोमवार को बेलाउर गांव में छापेमारी की तो बुटन नहीं मिला, लेकिन उसका भाई उपेंद्र चौधरी भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार हो गया. STF ने उसके घर से एक AK-47 रायफल, 43 कारतूस, इंसास की दो मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड और अन्य सामान बरामद किया है.
गिरफ्तारी ने एक बार फिर बुटन-रंजीत गैंगवार की उस पुरानी कहानी को जिंदा कर दिया है, जिसने सालों तक भोजपुर की गलियों को गोलियों की गूंज से दहला रखा था.
एक जमीन ने खींच दी खून की लकीर
बेलाउर गांव के रहने वाले बुटन चौधरी और रंजीत चौधरी कभी इतने करीबी थे कि उन्हें ‘एक जान दो शरीर’ कहा जाता था. मगर साल 2011-12 में एक जमीन के विवाद ने दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया. तब से दोनों गुटों में खूनी गैंगवार की ऐसी शुरुआत हुई कि कई घरों के चिराग बुझ गए. बुटन ने अपने भतीजे को खोया, रंजीत ने भाई को. दर्जनों जानें इस गैंगवार की भेंट चढ़ गईं.
बुटन चौधरी का क्राइम कैनवास: पंचायत से पिस्तौल तक
2011 में बुटन ने पंचायत चुनाव के जरिए अपने रसूख की शुरुआत की. अपने नौकर की पत्नी चंपा देवी को मुखिया पद पर जितवाया. लेकिन जल्द ही वो एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों के जरिए पुलिस की निगाह में आ गया.
2016 में भी बुटन एके-47, पिस्टल और भारी कारतूस के साथ गिरफ्तार हो चुका है. उसका नाम कई हत्याओं में भी सामने आ चुका है जिनमें 2016 का पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान हेमंत चौधरी की हत्या और उसके बेटे मनीष राय की खेत में गोली मार कर की गई हत्या प्रमुख हैं.
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गांव में पसरा खौफ, कानून पर फिर से सवाल
बेलाउर और आसपास के गांव एक बार फिर डर के साए में हैं. ग्रामीणों को डर है कि उपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद दोनों गुटों के बीच तनाव और बढ़ सकता है. वहीं पुलिस दावा कर रही है कि वो बुटन चौधरी की गिरफ्तारी के बेहद करीब है.