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आवंटन के अनुरूप नहीं मिल रहा भोजन व दवा

उदासीनता . सदर अस्पताल के मरीजों की स्थिति दयनीय आरा : सदर अस्पताल में सरकार द्वारा मरीजों के लिए आवंटित राशि के अनुसार उन्हें भोजन एवं दवा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. अस्पताल प्रशासन के लालफीताशाही के कारण मरीजों की स्थिति दयनीय है. वर्ष 2016-17 के लिए 50 लाख की राशि है आवंटित: सरकार […]

उदासीनता . सदर अस्पताल के मरीजों की स्थिति दयनीय
आरा : सदर अस्पताल में सरकार द्वारा मरीजों के लिए आवंटित राशि के अनुसार उन्हें भोजन एवं दवा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. अस्पताल प्रशासन के लालफीताशाही के कारण मरीजों की स्थिति दयनीय है.
वर्ष 2016-17 के लिए 50 लाख की राशि है आवंटित: सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के अगस्त माह के लिए मरीजों के दवा मद में मरीजों के लिए 50 लाख की राशि आवंटित की गयी है. जबकि अभी तक 25 लाख 12 हजार 162 रुपये खर्च किये गये हैं, जबकि 24 लाख, 87 हजार 880 रुपये शेष हैं. इससे मरीजों को जिस अनुपात में दवा मिलनी चाहिए, उस अनुपात में दवा नहीं मिल पाती है. यह मरीजों के प्रति अस्पताल प्रशासन का लालफीताशाही का परिणाम है. सरकार के प्रयास के बाद भी अस्पताल प्रशासन मरीजों के हित में उचित निर्णय नहीं कर पा रहा है.
भोजन मद में 56 लाख रुपये का है आवंटन : मरीजों को भोजन मद में सदर अस्पताल को 56 लाख रुपये का आवंटन वर्ष 2016-17 के अगस्त माह तक प्राप्त है. अस्पताल प्रशासन द्वारा अभी तक 5 लाख, 30 हजार, 956 रुपये ही मरीजों के भोजन पर खर्च किया गया है. जबकि 50 लाख, 49 हजार, 44 रुपये अब तक खर्च नहीं हो पाया है. यह अस्पताल प्रशासन के मरीजों के प्रति किये जा रहे लापरवाही को दरसाता है. भोजन के अभाव में मरीजों का स्वास्थ्य लाभ कितना कारगर होगा, यह अस्पताल प्रशासन ही बता सकता है. आवंटन के बावजूद मरीजों को भोजन नहीं देना अस्पताल प्रशासन के किस नीति के तहत काम हो रहा है. यह समझ के परे है.
पीएचसी के लिए कुल डेढ़ करोड़ राशि है आवंटित : जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए सरकार द्वारा मरीजों के दवा के लिए वितीय वर्ष 2016-17 के अगस्त माह तक के लिए कुल डेढ़ करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. पर अब तक मात्र 45 लाख, 81 हजार, 132 रुपये ही खर्च किये गये हैं. जबकि शेष राशि अब तक खर्च नहीं की गयी है. यह पीएचसी केंद्रों के लापरवाही का परिणाम है कि मरीजों को उचित मात्रा में दवा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. जबकि सरकार द्वारा इतनी मात्रा में राशि उपलब्ध करायी गयी है.
भोजन मद में 24 लाख का हुआ है आवंटन : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए 24 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है, ताकि उन्हें उचित मात्रा में मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जा सके, पर संबंधित केंद्रों के प्रशासन द्वारा अब तक मात्र 6 लाख, 39 हजार, 974 रुपये ही मरीजों के भोजन पर खर्च किया गया है. जबकि शेष राशि अभी उनके खाते की शोभा बढ़ा रही है.
जिले में हैं कुल 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : अपने ही प्रखंड के मुख्यालय में लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. इसके लिए सरकार ने सभी प्रखंडों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया है.
पर केंद्र के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण मरीजों को भोजन एवं दवा पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है. इससे मरीजों में काफी निराशा व्याप्त है तथा सरकार एवं केंद्रों के अधिकारियों के विरुद्ध आक्रोश भी व्याप्त है.
तीन रेफरल अस्पतालों के लिए दवा मद में आवंटित है 36 लाख की राशि : जिले में जगदीशपुर, शाहपुर एवं संदेश में रेफरल अस्पताल कार्य कर रहे हैं. इन अस्पतालों में मरीजों के लिए सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के अगस्त माह तक 36 लाख रुपये की राशि दवा मद में उपलब्ध करायी गयी है. जबकि अब तक इस मद में मात्र 8 लाख, 2 हजार, 769 रुपये ही खर्च किया गया है. शेष राशि अब तक खर्च नहीं की गयी है. यह मरीजों के प्रति उदासीन रवैये का परिचायक है.
भोजन मद में 72 लाख की राशि है आवंटित : रेफरल अस्पतालों के लिए वितीय वर्ष 2016-17 के अगस्त माह तक 72 लाख की राशि मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए आवंटित की गयी है. वहीं उक्त अस्पतालों के प्रशासन द्वारा मरीजों के भोजन पर 65 लाख, 4 हजार, 94 रुपये की राशि खर्च की गयी है. शेष राशि अभी तक खर्च नहीं हो पायी है.
जिले के सदर अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में राशि खर्च करने के बाद भी मरीजों को मेनू के अनुसार भोजन नहीं उपलब्ध कराया जाता है. इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. वहीं सरकार की योजना भी टांय-टांय फिस्स साबित हो रही है. जिले के सभी अस्पतालों में मरीजों को जरूरत के अनुसार दवा उपलब्ध नहीं करायी जाती है. इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है.
क्या कहते हैं मरीज
मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिलता है. फल कभी नही मिलता है. दूध भी नहीं मिलता है.
विमला देवी, रामगढ़िया
दवा बाहर से खरीदना पड़ता है. बहुत कम दवा अस्पताल में मिलता है.
कृष्णा राम, शोभी डुमरा
क्या कहते हैं डीएस
प्रयास किया जाता है कि मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जाये. पर किसी कारणवश कुछ सामान नहीं मिलता होगा.
डॉ सतीश कुमार सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक

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