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सुविधाओं का टोटा, आक्रोश

परेशानी. सदर अस्पताल में मानक के अनुसार नहीं िमलती सुविधा आरा : सदर अस्पताल में तय मानक के अनुसार मरीजों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है. इससे एक तरफ मरीजों को परेशानी तो हो ही रही है, वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर मरीजों में काफी आक्रोश भी है. वर्ष 2008 […]

परेशानी. सदर अस्पताल में मानक के अनुसार नहीं िमलती सुविधा

आरा : सदर अस्पताल में तय मानक के अनुसार मरीजों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है. इससे एक तरफ मरीजों को परेशानी तो हो ही रही है, वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर मरीजों में काफी आक्रोश भी है. वर्ष 2008 में केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में विशिष्ट स्तर पर लाने के लिए देश के मात्र पांच अस्पतालों का चयन किया गया था. जिसमें आरा का सदर अस्पताल भी था.
आइएसओ 9001 : 2008 प्रमाणित है सदर अस्पताल : सदर अस्पताल आइएसओ 9001 : 2008 स्तर का प्रमाणित अस्पताल है, पर इस मानक के अनुसार अस्पताल में किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है. जो अस्पताल प्रशासन के लापरवाही को दर्शाता है.
अस्पताल में हैं पुराने उपकरण : ऑपरेशन विभाग से लेकर अन्य विभागों में भी बहुत पुराने उपकरण हैं. जिसके कारण चिकित्सकों को कार्य करने में काफी कठिनाई होती है. वहीं मरीजों को भी हमेशा खतरा का भय बना रहता है. आधुनिक समय के लिए कई तरह के नये-नये उपकरण उपलब्ध हैं. इन उपकरणों से अस्पताल वंचित हैं. इस कारण जिले के मरीजों को काफी निराशा हो रही है.
इलाज को जाना पड़ता है बाहर : सदर अस्पताल में कई तरह की जांच एवं अन्य उपकरणों की कमी के कारण विशेष परिस्थितियों में जिले के मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है.
सुधार के दावे, लेकिन स्थिति जस की तस : प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लंबे चौड़े दावे वर्षों से किये जा रहे हैं, फिर भी सदर अस्पताल की स्थिति में कोई गुणात्मक परिवर्तन नहीं हो पा रहा है. मरीजों को इंतजार है कि कब सदर अस्पताल हाइटेक बनेगा और यहां के मरीज इसका लाभ उठा पाएंगे.
मानक के अनुसार नहीं मिलता है भोजन : तय मानक के अनुसार सदर अस्पताल में मरीजों को भोजन नहीं मिलता है. निम्न स्तर के भोजन से मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
सफाई की स्थिति है बदतर : सदर अस्पताल में सफाई की भी बुरी स्थिति है. वार्ड सहित बरामदे और अन्य जगहों पर भी कूड़ा जमा रहता है. इससे मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.
गंदगी से संक्रमण का रहता है भय : मरीजों के लिए सफाई व्यवस्था होना उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्यंत आवश्यक होता है. पर अस्पताल में गंदगी के कारण मरीजों में संक्रमण होने का भय हमेशा बना रहता है.
मानक के अनुसार नहीं बदले जाते हैं बेडशीट : सरकार द्वारा नीति बनाइ गयी थी कि सभी अस्पतालों में प्रतिदिन मरीजों के बेड का बेडशीट बदला जायेगा. इतना ही नहीं, दिन के अनुसार बेडशीट का रंग भी तय किया गया था, पर सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा दिन के अनुसार बेडशीट बदलने की बात तो दूर उनके बेड पर गंदे एवं फटे बेडशीट बिछाया जाता है.
अच्छी व्यवस्था के लिए प्रयास जारी
प्रयास किया जा रहा है कि मरीजों को मानक के अनुसार सुविधा उपलब्ध कराया जाये. इसके लिए सरकार को लिखा जा रहा है.
डॉ सतीश प्रसाद सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक

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