आरा/कोईलवर : सरकार व प्रशासन द्वारा बालू की नियमपूर्वक खुदाई व निर्धारित क्षमता से अधिक की ढुलाई पर लगे प्रतिबंध की धज्जियां उड़ानेवाले गिरोहों के मंसूबों पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा़ बालू का अवैध उत्खनन व ओवरलोडिं़ग कराकर राजस्व को चूना लगाने वाले गिरोहों पर प्रशासनिक स्तर पर रोकथाम के लाख दावे कर किये जायें बावजूद इसके सुनहले रेत (बालू) का यह काला ध्ंाधा बेरोकटोक जारी है़
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सुनहले रेत से खूब बरस रहे काले धन
आरा/कोईलवर : सरकार व प्रशासन द्वारा बालू की नियमपूर्वक खुदाई व निर्धारित क्षमता से अधिक की ढुलाई पर लगे प्रतिबंध की धज्जियां उड़ानेवाले गिरोहों के मंसूबों पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा़ बालू का अवैध उत्खनन व ओवरलोडिं़ग कराकर राजस्व को चूना लगाने वाले गिरोहों पर प्रशासनिक स्तर पर रोकथाम के लाख दावे कर […]
सभी बालू घाटों से चलता है कारोबार : सोन नद के कोईलवर, चांदी व संदेश थाना क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले सोन नद के लगभग सभी बालू घाटों जहां से बालू की निकासी होती है. वहां से इस कारोबार को चलाया जाता है़ पहले तो मशीनों से बड़े बड़े गड्ढ़े कर वहां से बालू निकाले जाते हैं फिर बड़े बड़े ट्रकों पर बालू की क्षमता से दोगुनी तक लदाई की जाती है़
वहीं आजकल वैक्यूम प्रेशर वाली नावों से भी बालू का उत्खनन किया जा रहा है जो नदी के तल से 50-60 फुट गहराई से बालू निकाल कर ट्रकों में भरते हैं़ बालू से लदे ओवरलोड़ ट्रक किसी भी बालू घाट पर रात होने के इंतजार में तैयार देखे जा सकते हैं
बकायदा काम करता है गिरोह : रात के नौ बजने के बाद सभी बालू घाटों पर खड़े अवैध रूप से बालू लदे वाहनों को सुरक्षित गंतव्य पर
पहुंचाने का काम शुरू हो जाता है़ सूत्रों की मानें तो ओवरलोडेड़ वाहन के नंबर गिरोह के लोग दोपहर में ही नोट कर लेते हैं और प्रति ट्रक लगभग 2 हजार से ढाई हजार रुपये लेने के बाद इन्हे सुरक्षित बालू घाटों से निकाल रंाज्य और राज्य के बाहर की बालू मंडियों तक पहुंचाया जाता है़ जिनमें निकटवर्ती पड़ोसी राज्य उतर प्रदेश के गाजीपुर,बलिया,गोरखपुर तथा झारखंड़ व पड़ोसी देश नेपाल की बालू मंडि़यों तक भी पहुंचाया जाता है़
सड़कों को पहुंच रही क्षति : कोईलवर-बबुरा पथ, कोईलवर-बहियारा-चांदी-संदेश पथ,सक्ड्डी-चांदी-संदेश पथ सभी पथ की हालत एक जैसी है़ बालू लदे ओवरलोड ट्रक सभी संपर्क पथों को क्षति पहुंचा रहे है़ साथ ही साथ एनएच 30 को भी क्षति पहुंचा रहे हैं़ बालू से लदे ट्रकों से रिस रहे पानी ने सड़कों में बड़े बड़े कीचड़ वाले गड्ढ़े बना दिये हैं़ वहीं वहन क्षमता से अधिक ढ़ुलाई कर अपनी उम्र सीमा पूरी कर चूके ऐतिहासिक अब्दुलबारी सड़क पुल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं़
पर्यावरण पर भी चोट : एक तरफ बालू की अंधाधुध अवैध निकासी नदी के तल को साल दर साल गहरा कर रही है़ वहीं दूसारी ओर पर्यावरण को भी चोट पहुंचा रही है़ नदी के आसपास का इलाका नदी के जलस्तर पर ही निर्भर है. जैसे-जैसे नदी का जलस्तर नीचे जा रहा है आसपास के जलस्त्रोत भी सूखते जा रहे हैं़ हालात यह है कि नदी के किनारे की बस्तियों के जलस्त्रोत सूख गये और उन्हें पीने के पानी के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है़
दुर्घटना को आमंत्रण : बालू लदे ट्रक जब ओवरलोड़ कर घाटों से निकल सड़कों पर पहुंचते हैं तो ट्रकों से बालू उड़कर रास्ते पर गिरता है तथा छोटे वाहनों के लिये हादसे का सबब बनता है़ कभी कभी तो ट्रकों से बालू उड़कर सीधा दोपहिया सवारों के आंखों में चला जाता है जिससे मौके पर ही गंभीर हादसे उत्पन्न हो जाते हैं़
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