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भगवान भरोसे है नगर की स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था

आरा : नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भगवान भरोसे है. इस कारण नगर में लाखों रुपये की बिजली की बर्बादी हो रही है ,जबकि सरकार लगातार बिजली बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है .पर निगम की लापरवाही व कुव्यवस्था के कारण बिजली की बर्बादी धड़ल्ले से जारी है. दिन में […]

आरा : नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भगवान भरोसे है. इस कारण नगर में लाखों रुपये की बिजली की बर्बादी हो रही है ,जबकि सरकार लगातार बिजली बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है .पर निगम की लापरवाही व कुव्यवस्था के कारण बिजली की बर्बादी धड़ल्ले से जारी है. दिन में भी नगर में कई स्ट्रीट लाइट जलते रहते हैं. इससे निगम की राशि भी अनावश्यक खर्च हो रही है.

निगम द्वारा स्ट्रीट लाइट को बुझाने और जलाने के लिए कोई कारगर व्यवस्था नहीं की गयी है. नगर में स्ट्रीट लाइट जलाने के लिए प्रति माह दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को छह लाख रुपये कि राशि देनी पड़ती है .
इसमें निगम का दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को फिक्स रेट तथा कुछ जगहों के लिए बिल के आधार पर राशि देनी पड़ती है .पर नगर निगम की कुव्यवस्था के कारण इस राशि का कोई उपयोग नहीं हो पाता है. एक तरफ नगर वासियों की गाढ़ी कमाई से टैक्स के रूप में निगम में काफी पैसे की वसूली होती है ,ताकि नगरवासियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाये पर सुविधाएं तो नहीं मिल पा रही हैं.
उल्टे निगम की लापरवाही से अनावश्यक पैसे खर्च हो हो रहे हैं. जिसे बिजली विभाग को देना पड़ता है. जबकि इस राशि के बचाव करने से नगर वासियों को अन्य सुविधाएं दी जा सकती थी.
भगवान भरोसे जलती हैं स्ट्रीट लाइटें: निगम प्रशासन द्वारा नगर में जलने वाली स्ट्रीट लाइटों के लिए किसी तरह कि कारगर व्यवस्था नहीं की गयी है. स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है. इसके लिए कर्मचारी नहीं रखे गये हैं.
मोहल्लावासियों की इच्छा पर ही स्ट्रीट लाइट निर्भर है. स्ट्रीट लाइटों को समय पर बंद करने या समय पर जलाने कि कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण कई स्ट्रीट लाइट दिन में भी जलते रहती हैं. इससे बिजली की बर्बादी तो होती ही है, नगर निगम के राशि की भी बर्बादी होती है.
रखरखाव की भी नहीं है कारगर व्यवस्था: वही स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव की भी व्यवस्था कारगर नहीं है .एक बार स्ट्रीट लाइट खराब होने के बाद उसे ठीक होने में महीनों लग जाते हैं. विभाग के कर्मचारी स्ट्रीट लाइटों का नियमित निरीक्षण नहीं करते हैं. इससे स्ट्रीट लाइटों की स्थिति दयनीय बनी रहती है.
निरीक्षण नहीं करने के कारण लाइट के खराब होने की जानकारी निगम को नहीं रहती है. लोगों द्वारा जानकारी देने के बाद भी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं हो पाती है.
बिजली लॉस से पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी काफी परेशान हैं. अनावश्यक बिजली जलाये जाने से बिजली की कमी होते जा रही है. इस कारण पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा कम मात्रा में बिजली की आपूर्ति की जा रही है. पावर कट की समस्या से लोगों को परेशानी हो रही है.
बिजली बचाने को लेकर सरकार है काफी संवेदनशील
बिजली उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधनों की हो रही कमी को देखते हुए सरकार बिजली बचाने के लिए काफी संवेदनशील है.
केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार भी इसके लिए कई उपाय कर रही है ,पर नगर निगम की लापरवाही के कारण सरकार के प्रयास को धक्का लग रहा है. अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से जहां सरकार लोगों में बिजली को लेकर जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रही है, ताकि कम बिजली खर्च की जाये और बिजली की बर्बादी नहीं हो सके.
इतना ही नहीं इसके लिए एलइडी लाइट को प्रचलित किया गया और इसका काफी प्रचार प्रसार किया गया. किंतु नगर निगम की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है .इससे बिजली की बर्बादी रोकने में सरकार का प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है.

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