डुमरांव : दसवीं के छात्र नरेंद्र की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली ढकाइच गांव के दलित टोला में मातम पसर गया. मोहल्ले के लोगों के साथ पूरा परिवार घटनास्थल पर पहुंचकर रोने-बिलखने लगे. सड़क पर अपने बेटे का शव देखते ही मां सविता देवी और बहन नीतू कुमारी दहाड़ मारकर गिर पड़ी. परिवार के लोगों ने उसे होश में लाकर ढांढस बंधाया. परिजनों ने बताया कि मृतक दो भाइयों में छोटा था और पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. बेटे की मौत से पूरे परिवार में मातम पसर गया है.
एनएच 84 सड़क के करीब तीन घंटे आवागमन बंद होने से राहगीर और यात्री हलकान बने रहे. जाम कारण स्कूली बच्चे और बुजुर्ग महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. लंबी दूरी तय कर लीग पुराना भोजपुर चौक पहुंचे और वहां से अपने-अपने घरों के लिए गये. घटनास्थल के दोनों तरफ लंबे वाहनों का जमावड़ा लग गया और लंबी दूरी पर जाने वाले वाहन जाम में फंसे रहे. कई यात्री पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे.
केवाइपी सेंटर पर निकले थे दोनों :जख्मी छात्र अभिषेक कुमार ने बताया कि वह मृतक के साथ दूसरे के बाइक लेकर कुशल युवा कार्यक्रम के तहत बक्सर सेंटर जा रहा था. इसी दौरान यह हादसा हो गया. उसने बताया कि मृतक हेलमेट लगाया था, जो डंपर के चढ़ने से चकनाचूर हो गया. जख्मी के पैर में गंभीर चोटें आयी है, जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
पुलिस की चेकिंग देख असंतुलित हुई थी बाइक
डुमरांव : नया भोजपुर ओपी पुलिस मंगलवार को नावाडेरा गांव से 100 गज की दूरी पर बाइक चेकिंग अभियान चला रही थी. पुलिस हेलमेट सहित अन्य कागजातों की जांच को लेकर आने-जाने वाले बाइकों को रोक रही थी. इसी दौरान बाइक चला रहे मृतक छात्र नरेंद्र राम की भी नजर पुलिस के वाहन पर पड़ी तो वह अचानक डर गया और अपने बाइक को दूसरी दिशा में मोड़ना चाहा तब तक बाइक असंतुलित हो गयी. इसी दौरान तेज रफ्तार में आ रही डंपर ने छात्र को रौंदते हुए आगे निकल गया.
खलिहान में बैठे ग्रामीणों की नजर जब इस दुर्घटना पर पड़ी तो दौड़े और डंपर को बंधक बनाकर चालक को अपने कब्जे में कर लिया. बाइक चेकिंग कर रही पुलिस भी सक्रिय हुई और चालक को हिरासत में लेकर तत्काल जख्मी को अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया. पुलिस की वाहन चेकिंग कार्रवाई से ग्रामीण पहले से ही आक्रोशित थे. मंगलवार की घटना ने ग्रामीणों के आक्रोश पर आग की तरह काम किया. आक्रोशित ग्रामीण पुलिस-प्रशासन के खिलाफ इस दुर्घटना के दोषी मानते हुए सड़क को जाम कर दिया.
ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस-प्रशासन वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध राशि की वसूली करती है. पैसा नहीं देने पर वह वाहन चालकों को परेशान करती है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कैदी वाहन को भी घेर लिया. कैदी वाहन आरा से पेशी के लिए कैदियों को बक्सर पहुंचा था और वह आरा की ओर लौट रहा था. ग्रामीणों के मान-मनौव्वल के बाद कैदी वाहन आगे के लिए रवाना हुआ.
