आरा : आरा मंडल कारा में उस समय अफरातफरी मच गयी. जब एक बंदी ने अपना गर्दन काट कर खुदकुशी करने का प्रयास किया. हालांकि जैसे ही बंदी ने घटना को अंजाम दिया. तुरंत जेल कर्मचारियों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया, जहां उसका इलाज कराने के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया. घटना के बाद जेल में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया.
जख्मी बंदी पारसनाथ उपाध्याय बताया जाता है, जो बड़हरा थाना क्षेत्र के महुदही गांव का रहनेवाला है. घटना को लेकर संसय बरकरार है. घटना कैसे हुई इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है. हालांकि जेल सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि बंदी पारसनाथ उपाध्याय काफी डिप्रेशन में था, जिसको लेकर उसे अस्पताल वार्ड में रखा गया था.
घटना की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन के हाथ पैर फुलने लगे. घटना कैसे हुई है. इसकी जांच की जा रही है. बंदी ने स्वयं अपने गर्दन को काटा या फिर उस पर हमला किया गया. इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही खुलासा होगा. बताया जा रहा है कि दो दिन पहले पुलिस ने उसे जेल भेजा था.
बंदी पारसनाथ उपाध्याय शनिवार की शाम अपनी पत्नी की पिटाई कर रहा था. पत्नी जोर-जोर से चिल्लाने लगी. इसी क्रम में बगल के मिंटू कुमार शर्मा उसकी पत्नी को बचाने गया. इसी बीच पारसनाथ उपाध्याय ने उसे फारसा से मारकर जख्मी कर दिया. वहीं, अन्य लोग भी बचाने गये तो वह फारसा भांजने लगा, जिससे तीन-चार लोग जख्मी हो गये.
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया. इस संबंध में जेल अधीक्षक ने बताया कि वह मानसिक रूप से डिप्रेशन में था. उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया. बता दें कि पूर्व में भी कई बंदी आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं.
गर्दन रेतकर मौत को गले लगाने की कोशिश
दो दिन पहले पत्नी से मारपीट व बचाने गये लोगों पर फारसे से वार करने के मामले में आरोपित है बंदी
पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल, जेल अधिकारियों ने कहा डिप्रेशन में था बंदी, पटना रेफर
