आरा : सदर अस्पताल में सोमवार से लेकर मंगलवार की दोपहर तक शव का पोस्टमार्टम करने को लेकर जद्दोजहद होते रहा. वहीं शव इमरजेंसी में डॉक्टर व पुलिस के पेच में 30 घंटे तक पड़ा रहा. बाद में मंगलवार को 30 घंटे बाद तियर थाना पुलिस की नींद खुली और शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
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30 घंटे बाद पुलिस ने बनाया पंचनामा, तो शव का हुआ पोस्टमार्टम
आरा : सदर अस्पताल में सोमवार से लेकर मंगलवार की दोपहर तक शव का पोस्टमार्टम करने को लेकर जद्दोजहद होते रहा. वहीं शव इमरजेंसी में डॉक्टर व पुलिस के पेच में 30 घंटे तक पड़ा रहा. बाद में मंगलवार को 30 घंटे बाद तियर थाना पुलिस की नींद खुली और शव का पोस्टमार्टम कराया गया. […]
30 घंटे तक इमरजेंसी में शव पड़े रहने के कारण आम लोगों से लेकर डॉक्टरों व मरीजों तक के परेशानियों का सामना करना पड़ा. बाद में डॉक्टरों के आग्रह पर शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया. मंगलवार की दोपहर में पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया.
हालांकि इस संबंध में वरीय पदाधिकारियों से बातचीत के क्रम में जानकारी मिली की मामले की जांच की जायेगी और दोषी लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. घटना तियर थाना क्षेत्र के तियर गांव की है. रविवार की रात तियर गांव निवासी जयकिशुन सिंह की मौत सांप के डसने से हुई थी. परिजन शव को लेकर सदर अस्पताल आये थे और डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद पोस्टमार्टम कराने की इच्छा जाहिर किये थे.
हालांकि पोस्टमार्टम के बाद पीड़ित परिवार को आपदा प्रबंधन से मिलनेवाली मुआवजे की राशि को लेकर पोस्टमार्टम कराने की इच्छा थी, लेकिन डॉक्टर व पुलिस की पेच में शव 30 घंटे तक सदर अस्पताल परिसर में पड़ा रहा. इस खबर को प्रमुखता से प्रभात खबर ने प्रकाशित किया, जिसके बाद हरकत में आया सदर अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया.
सिस्टम दिखा लाचार : सदर अस्पताल के चिकित्सक और भोजपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है. इसके लिए दोषी कौन है. इसका खामियाजा दूर-दाराज से आये मरीजों के परिजनों को भोगना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी में सोमवार को आठ बजे से लेकर शाम छह बजे तक वृद्ध का शव स्ट्रेचर पड़ पड़ा रहा.
पुलिस और डॉक्टर के कानूनी प्रक्रिया के पेच में मृतक के परिजन परेशान रहे कि पोस्टमार्टम हो और शव लेकर जाएं, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि पंचनामा तैयार होगा, तब पोस्टमार्टम किया जायेगा. वहीं, पुलिस का कहना था कि जब तक डॉक्टर लिखकर नहीं देंगे कि रास्ते में ही वृद्ध की मौत हुई है, तब तक हम पंचनामा तैयार नहीं करेंगे.
बता दें कि सदर अस्पताल में नगर थाने की पुलिस वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पोस्टमार्टम कराने के लिए पंचनामा तैयार करती है. हालांकि इसकी सूचना अस्पताल द्वारा देने के बाद ही पुलिस की टीम करती है, लेकिन सोमवार को पुलिस और डॉक्टर के पेच में फंसे परिजनों का यह हाल था कि लगभग 30 घंटे तक शव पड़ा रहा और उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था.
पुलिस और डॉक्टर के पेच में 30 घंटे तक सदर अस्पताल में पड़ा रहा शव, परिजन रहे परेशान
सांप के डसने के बाद वृद्ध को लेकर परिजन आये थे सदर अस्पताल, मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने की कर रहे थे मांग
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