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नगर निगम में उपकरणों का टोटा, कैसे हो सफाई

आरा : एक तरफ निगम द्वारा सफाई के दावे किये जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नगर में गंदगी का अंबार है. सरकार ने लोगों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए आरा को नगरपालिका से नगर निगम में उत्क्रमित किया ताकि इसका स्तर हर क्षेत्र में बढ़ सके. सरकार द्वारा नगर निगम को विकास के […]

आरा : एक तरफ निगम द्वारा सफाई के दावे किये जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नगर में गंदगी का अंबार है. सरकार ने लोगों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए आरा को नगरपालिका से नगर निगम में उत्क्रमित किया ताकि इसका स्तर हर क्षेत्र में बढ़ सके. सरकार द्वारा नगर निगम को विकास के लिए पहले की अपेक्षा कई गुना राशि भी बढ़ा दी गयी. वहीं केंद्र सरकार द्वारा 2015 में महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी योजना के तहत शामिल कर लिया ताकि नगर की सफाई सहित अन्य विकास योजनाएं पटरी पर आये.

स्मार्ट सिटी योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानक अब तक नगर निगम द्वारा पूरा नहीं किया जा सका है. इस कारण लोगों का विकास का सपना पूरा नहीं हो पाया है.

45 वार्ड वाले निगम में हैं महज 20 सफाई उपकरण: वर्ष 2009 में प्रदेश सरकार द्वारा नगर पालिका से नगर निगम में आरा को उत्क्रमित करने के बाद इसे 45 वार्ड का बनाया गया. इसके तहत आरा के आसपास के कई क्षेत्रों को शामिल किया गया, पर नगर निगम द्वारा अब तक महज 15 सफाई उपकरणों की ही खरीदारी की गयी है. इसमें तीन जेसीबी, पांच ट्रैक्टर, तीन रोबोट, एक सक्शन गाड़ी सहित 20 सफाई उपकरण खरीदे गये हैं, जो नगर के क्षेत्रफल को देखते हुए काफी कम है.
सफाई मशीन बनी शोभा की वस्तु: नगर निगम में सफाई उपकरण शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. इनसे सफाई कार्य नहीं किया जाता है. वहीं कूड़ा उठाव का भी काम नगर में यदा-कदा ही किया जा रहा है. जबकि नियमानुसार प्रतिदिन गाड़ियों से कूड़ा का उठाव होना चाहिए, पर एक-दो गाड़ियों व मशीनों को छोड़कर बाकी सफाई उपकरण निगम कैंपस की शोभा बढ़ाते रहते हैं.
मानक नहीं हो रहा है पूरा: नगर निगम की उदासीनता के कारण स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सफाई सहित अन्य मानक अब तक पूरा नहीं हो पा रहे हैं. सफाई के नाम पर महज कुछ मुख्य सड़कों की यदा-कदा सफाई कर खानापूर्ति की जाती है. इससे हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. स्वच्छता को लेकर मानक से अब भी आरा नगर काफी पीछे है. निगम की कार्यशैली से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानक नगरवासियों को दिवास्वप्न की तरह लगने लगा है. जबकि कर के रूप में लाखों रुपये निगम द्वारा नगरवासियों से लिया जाता है.
चार अरब का होता है बजट: नगर के विकास के लिए निगम द्वारा तीन अरब नब्बे लाख रुपये का वार्षिक बजट बनाया जाता है. इसके बावजूद स्वच्छता के अलावे अन्य विकास कार्य अब तक फिसड्डी है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
नगर में सफाई का प्रयास किया जा रहा है. प्रतिदिन सफाई कर्मी सड़कों की सफाई करते हैं. इसके लिए पहले की तुलना सफाई उपकरण अधिक खरीदे गये हैं.
प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त

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