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जगह के अभाव में कबाड़ में तब्दील हुईं थानों में जब्त गाड़ियां

आरा : आपराधिक व अन्य मामलों में थानों में जब्त गाड़ियां अब कबाड़ी में तब्दील हो गयी. विगत कई वर्षों से जब्त गाड़ियों की नीलामी सरकार द्वारा नहीं की जा रही है, जिसके कारण सरकार को राजस्व की हानि हो रही है. पूर्व में कई गाड़ियों की नीलामी हो चुकी है, लेकिन विगत 10 वर्षों […]

आरा : आपराधिक व अन्य मामलों में थानों में जब्त गाड़ियां अब कबाड़ी में तब्दील हो गयी. विगत कई वर्षों से जब्त गाड़ियों की नीलामी सरकार द्वारा नहीं की जा रही है, जिसके कारण सरकार को राजस्व की हानि हो रही है. पूर्व में कई गाड़ियों की नीलामी हो चुकी है, लेकिन विगत 10 वर्षों से जब्त गाड़ियां थाने में कबाड़ी के ढेर की तरह लगी हुई है.

इसके प्रति शासन और प्रशासन दोनों जिम्मेदार है. कई थानों में तो गाड़ियां बेतरतीब ढंग से रख-रखाव के कारण सड़ गयी हैं. बता दे कि आपराधिक मामले या शराब के मामले में जब्त किये गये वाहनों की अधिकता होने के कारण थाने में जैसे- तैसे गाड़ियों को रखा गया है. आलम यह है कि थाने में जगह के अभाव के कारण गाड़ियां जैसे-तैसे रखी गयी हैं. भोजपुर जिले के आंकड़ों पर गौर करें, तो विगत कई वर्षों से छोटे- बड़े वाहनों को मिलाकर लगभग पांच हजार से अधिक गाड़ियां थाने में लगी हुई है.

10 वर्षों से जब्त गाड़ियों की नहीं हुई नीलामी
सरकार को हो रही है राजस्व की हानि
पांच हजार से अधिक गाड़ियां थाने में खड़ी
10 वर्षों से नहीं हुई नीलामी
कबाड़ी में तब्दील हुई गाड़ियों की स्थिति यह है कि विगत 10 वर्षों से नीलामी नहीं होने के कारण ये गाड़ियां थाने में लगी हुई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार किसी मामले में जब्त की गयीं गाड़ियां तब तक थाने में लगी रहती हैं, जब तक पूरे मामले का निष्पादन न हो जाये और कोर्ट का आदेश न मिले. कोर्ट के आदेश मिलने के बाद ही गाड़ियों को रिलीज किया जाता है. कारण यह है कि मामले में जब्त की हुई गाड़ियों को कोर्ट में प्रस्तुत करना पड़ता है. वहीं जब्त लावारिस गाड़ियों का आदेश मिलने के बाद रिलीज किया जाता है.
जब्त वाहनों में शामिल हैं कई चोरी की गाड़ियां
थाने में जब्त कई गाड़ियां चोरी की हैं तो कई गाड़ियों से अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है. अनुसंधान के क्रम में मामला सामने आने पर पुलिस उन गाड़ियों को जब्त कर थाने में रख देती है. मामले का जब तक निष्पादन नहीं होता है तब तक गाड़ियां थाने में लगी रहती है. कुछ गाड़ियों को चिह्नित कर उनके स्वामियों को सौंप दिया जाता है, तो कई गाड़ियां थाने में ही सड़ जाती है.
क्या कहते हैं एसपी
थाने में जब्त गाड़ियां कोर्ट के आदेश पर रिलीज किया जाता है. जब तक कांड का निष्पादन कोर्ट द्वारा नहीं होता है, तब तक पुलिस गाड़ियों की रिलीज नहीं करती है, जिसके कारण थाने में गाड़ियों को लगाना पड़ता है. वैसे थाने में जगह की कमी के कारण गाड़ियों को लगाया जाता है.
अवकाश कुमार, एसपी

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