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bhagalpur news. जो लोग स्मार्ट मीटर लगाने से मना करे, उनका बिजली कनेक्शन काट दें : डीएम

समीक्षा भवन में मंगलवार को विभागीय लंबित कार्य को लेकर जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. स्मार्ट मीटर लगाने के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं होने की समीक्षा की गयी.

समीक्षा भवन में मंगलवार को विभागीय लंबित कार्य को लेकर जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. स्मार्ट मीटर लगाने के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं होने की समीक्षा की गयी. बताया गया कि बीपीएल परिवारों को स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाना है. समीक्षा में पाया गया कि इसके बावजूद अभी भी लक्ष्य के अनुरूप बहुत ज्यादा स्मार्ट मीटर लगना बाकी है. जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जो लोग स्मार्ट मीटर नहीं लगवाते हैं, उनका बिजली कनेक्शन कटवा दिया जाये. उन्होंने विद्युत के कार्यपालक अभियंता को साढे तीन गुना मानव बल लगाकर स्मार्ट मीटर लगवाने का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया. बिजली कनेक्शन के लिए दिये गये आवेदनों में 404 लंबित पाये गये. डीएम ने सख्त निर्देश दिया कि कोई भी आवेदन एक माह से ज्यादा लंबित नहीं रहने चाहिए. सभी विभागों को अपने बकाया बिजली बिल का शीघ्र भुगतान विद्युत विभाग को करने का निर्देश दिया. घोरघट से दोगच्छी तक सड़क का काम 87% पूरा एनएच 80 के अधिकारी द्वारा बताया गया कि घोरघट से दोगच्छी तक का सड़क निर्माण कार्य 87 प्रतिशत पूरा हो चुका है. सुलतानगंज बाजार में काम चल रहा है. 31 जुलाई तक शत-प्रतिशत कार्य पूरा हो जायेगा. जिलाधिकारी ने जून के अंत तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया. पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि पैकेज वन 29ए के अंतर्गत सड़क मरम्मत (ओपीआरएमसी) की 18 योजनाएं व 29बी के तहत 12 योजनाएं ली गयी हैं. प्रति माह इनकी निगरानी की जाती है. महिला संवाद व डॉ आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया. ग्राम कचहरी से स्पष्टीकरण मांगा, वेतन स्थगित ग्राम कचहरी में लंबित मामलों की समीक्षा में पाया गया कि जिले में 472 दीवानी व 315 फौजदारी मामले ग्राम कचहरी में दायर किये गये हैं, जिनमें 85 दीवानी व 47 फौजदारी मामले निष्पादित किये गये हैं. डीएम ने निष्पादित नहीं होने वाले मामले से जुड़े ग्राम कचहरी सचिव से स्पष्टीकरण करने व उनका वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यदि ग्राम कचहरी में दीवानी मामले निष्पादित हो जाते हैं, तो फौजदारी मामले नहीं होंगे. दीवानी मामले निष्पादित नहीं होने पर ही वह कालांतर में फौजदारी मामले में तब्दील हो जाते हैं. यदि ग्राम स्तर पर ही मामले में निष्पादित हो जाये, तो व्यवहार न्यायालय के मामलों में भी कमी आयेगी. साथ ही निचली न्यायालय के आदेश को मजबूत आधार माना जाता है. ग्राम कचहरी निचली अदालत है. यह समझा जाता है कि निचली अदालत वास्तविकता से अधिक विज्ञ होते हैं.

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