वरीय संवाददाता, भागलपुर
भाकपा के पूर्व महासचिव पूर्व सांसद सुवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर कम्युनिस्ट नेताओं व समर्थकों में शोक की लहर है. राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुधीर शर्मा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 83 वर्ष की उम्र में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. कामरेड एस सुधाकर रेड्डी का जीवन-संघर्ष, समर्पण और आदर्शों के लिए निरंतर लड़ाई का उदाहरण है. वे हमेशा जनता के साथ खड़े रहे और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. एस सुधाकर रेड्डी छात्र जीवन में ही कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़े और 1966 में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव बने. फिर 1974 में हुए एआइएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गये गये. वर्ष 1998 एवं 2004 में आंध्र प्रदेश के नालकोंडा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार सांसद निर्वाचित हुए. वर्ष 2007 में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उप महासचिव चुने गये तथा वर्ष 2012 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव चुने गये.शोक व्यक्त करने वालों में काॅमरेड संजय कुमार, कामरेड देव कुमार यादव, तुंगनाथ तिवारी एवं शिवचंद कुमार सिंह, अनीता शर्मा, एटक के जिलाध्यक्ष वीएन द्विवेदी, बीकेएमयू के जिला संयोजक बलराम प्रसाद निराला, भोला यादव, एआईएसएफ के आदित्य राज, एआईवायएफ के पूर्व राज्य अध्यक्ष संजीत सुमन, शिक्षक नेता मनोहर शर्मा के अलावा वकील मंडल, गोपाल राय, सचिन कुमार, अभिमन्यु मंडल, वहाव खान, राजकिशोर मंडल, महिक लाल यादव, राजेंद्र कुमार, अशोक यादव, हिमांशु कुमार, परमानंद मंडल, चंद्रशेखर मंडल, दामोदर भगत, विनोद हरिजन शामिल हैं.
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