गंगा किनारे बसे मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर चुका है. पानी तो उतर गया है लेकिन लोगों की समस्याएं बढ़ गयी हैं. कई जगह बर्बादी के मंजर साफ दिख रहे हैं. कहीं कच्चे घर गिरने के बाद लोगों को अपना आशियाना बदलना पड़ा. इतना ही नहीं बाढ़ के कारण शहर से सटे गांव व मोहल्लों में जलजमाव से लोगों के बीच मलेरिया व डेंगू का दहशत है. इन इलाकों में वायरल बुखार, एलर्जी संबंधी बीमारी फैल रही है. नहीं हो रहा ब्लिचिंग का छिड़काव, फैल रहे हैं मच्छर सीएमएस स्कूल मैदान व बड़े हथिया नाला में मच्छरों का लार्वा पनप रहा है. इससे लोगों को डेंगू व मलेरिया का भय सता रहा है. शास्त्रीनगर, लालूचक अंगारी, साहेबगंज साकम, अलीगंज स्पिनिंग मिल परिसर, महेशपुर, आनंदबाग आदि क्षेत्र में नाले के पानी से जल जमाव की समस्या बनी है. बाढ़ग्रस्त मोहल्ले बैंक कॉलोनी-आदमपुर घाट, मानिक सरकार घाट, दीपनगर, बूढ़ानाथ, सखीचंद घाट, कसबा गोलाघाट, मोहनपुर, साकम, मदनीनगर, लालूचक, साहेबगंज समेत मुफ्फसिल क्षेत्र शंकरपुर दियारा, दारापुर, श्रीरामपुर, दिलदारपुर, चवनिया दियारा, रजंदीपुर, बाबूपुर, घोघा, गोसाईदासपुर, दोगच्छी समेत विभिन्न प्रखंड के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गये थे. पानी उतरने के बाद भी यहां पर कीचड़ व गंदगी का जमावड़ा लग गया है. इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इन क्षेत्रों में नगर निगम व अंचल कार्यालय-प्रखंड कार्यालय से अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. न ब्लिचिंग का छिड़काव हो रहा है और न ही लार्वा पनपने से रोक लगाने के लिए कोई उपाय किये जा रहे हैं. नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं हजारों लोग यहां के लोगों का कहना है कि दिन में भी मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाले चीजों का इस्तेमाल करना पड़ेगा, जो संभव नहीं है. साकम के कन्हैया मंडल ने बताया कि मच्छर भगाने के लिए गोयठा से धुंआ करते हैं. अभी इतना गोयठा कहां से लायेंगे. घर-बार सबकुछ डूब गया. मच्छर से बचाने के लिए कुछ उपाय करना होगा. साहेबगंज की पार्वती देवी ने बताया कि मच्छर दिन में ही बड़ी संख्या में घूमने लगे हैं. दिलदारपुर के प्रमोद ने बताया कि अधिकतर संबंधी का घर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में ही है. जहां जाते हैं, वहीं पर मच्छर का प्रकोप है. खासकर बच्चों को बचाने की अधिक चिंता है. गंदगी धुलने के लिए बारिश का इंतजार बैंक कॉलोनी में पानी उतरने के बाद नगर निगम की ओर से चूना एवं ब्लिचिंग पाउडर के छिड़काव का अभाव दिख रहा है. लोगों को बदबू से राहत नहीं मिल पा रही है. पानी उतरने के बाद अब तक मूसलाधार बारिश नहीं होने से इन इलाकों की गंदगी भी नहीं धुल सकी. आदमपुर घाट बैंक कॉलोनी के राकेश कुमार ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि दीवार कमजोर हो गयी. वहीं कसबा गोलाघाट के राय ने बताया कि यहां पर भी 40 से अधिक घर पर बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. उनकी घर की दीवारें कमजोर हो गयी हैं. सीपीआइएम के जिला मंत्री दशरथ प्रसाद तथा जिला कमेटी सदस्य मनोज कुमार गुप्ता ने शहरी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में नगर निगम से सफाई व्यवस्था व अन्य सुविधा की मांग की है. दीपनगर काली ठाकुर लेन के बाढ़पीड़ितों को अब तक कोई राहत सामग्री नहीं मिली है.
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