गंगा के जलस्तर में कमी का सिलसिला जारी है, लेकिन रफ्तार बेहद धीमी है. पिछले 24 घंटे में जलस्तर मात्र 6 सेंटीमीटर घटा है. गुरुवार को गंगा का जलस्तर 34.33 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 33.68 मीटर से अब भी 65 सेंटीमीटर ऊपर है. निचले इलाकों में पानी का फैलाव जारी है. कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जलस्तर में धीरे-धीरे और गिरावट आने की संभावना है, जिससे स्थिति में सुधार की उम्मीद जतायी जा रही है.
शहर के 40 फीसदी क्षेत्रों में दूध की आवक बंद, पैकेट दूध बना सहारा
बाढ़ के बीच मवेशियों ने दूध देना कम कर दिया. पानी में घुसकर दहियार व पशुपालक शहर तक दूध नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में शहर के 40 फीसदी क्षेत्रों में दूध की आवक बंद हो गयी है. लोगों को पैकेट दूध का सहारा लेना पड़ रहा है. भवनाथपुर के मवेशीपालक मुनचुन मंडल ने बताया कि पानी के बीच रह रहे हैं. यहां चारा की कमी हो रही है. इस कारण गायों ने दूध देना कम कर दिया. जो दूध हो रहा है, उसे शहर तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है.
टीएनबी कॉलेजिएट परिसर में रह रहे बाढ़ पीड़ितों की लगभग सारी परेशानी दूर हो गयी है. सरकार की ओर से भोजन व नाश्ता उपलब्ध कराये जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों को अपने लिए कोई शिकायत नहीं है. इसके बावजूद अब भी उनके एक परेशानी बनी हुई. यह परेशानी पालतू पशुओं को चारा को लेकर है. उपयुक्त चारा नहीं मिलने से दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया. अरुण महतो ने बताया कि पशुपालन विभाग की ओर से चारा तो मिल रहा है, लेकिन दुधारू गायों व भैंस के लिए पर्याप्त नहीं है. भूसा, चोकर के साथ हरे चारा की जरूरत है. जैसे-तैसे भूसा व घास जुगाड़ कर उन्हें दे रहे हैं. गाय व भैंस ने दूध देना कम कर दिया है.बाजार में हुई दूध की कमी
बाजार में दूध की कमी को देखते हुए 50-60 रुपये लीटर की जगह 70 से 80 रुपये किलो दूध बिक रहे हैं. रामपुकार राम ने बताया कि जिस हिसाब से मवेशी दूध कम देने लगी है, उस हिसाब से दूध के भाव नहीं बढ़े हैं. दियारा क्षेत्रों से भी बाजार में दूध की आपूर्ति होती थी. दहियार व बैठ वालों को भी दूध की आपूर्ति नहीं करा पा रहे हैं. वहीं नरेश मंडल ने बताया कि जिनके यहां कम दूध होता है, वहीं आम लोगों को 10 से 20 रुपये किलो अधिक भाव में दूध बेच रहे हैं. इससे इस पर रोक लगाना संभव नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

