भागलपुर टीएमबीयू के पेंशनरों को सेवांत लाभ नहीं मिलने का मामला लगातार सामने आ रहा है. इसी कड़ी में एमएएम कॉलेज दर्शन शास्त्र विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षिका डॉ सुनंदा सिंह को ग्रेच्यूटी की राशि व सातवें वेतनमान के वेतन अंतर (डीए डिफरेंस) की राशि का भुगतान विवि से अबतक नहीं किया गया, जिस कारण पति का उपचार कराने में दुश्वारी होने लगी है. इसे लेकर विवि को एक दर्जन से अधिक बार आवेदन व कई चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. डॉ सुनंदा सिंह ने बताया कि एमएएम कॉलेज से वर्ष 2019 के जुलाई रिटायर हुए थे. समयानुसार पेंशन शुरू हुआ, लेकिन ग्रेच्यूटी की राशि व सातवें वेतनमान के वेतनांतर की राशि का भुगतान अबतक नहीं किया गया. प्रत्येक सप्ताह विश्वविद्यालय जाया करती थी. पूछने पर कोई जवाब नहीं मिलता था. इसी क्रम में एक कर्मचारी शैलेश चक्रवर्ती से मिले. उनका व्यवहार काफी खराब था. शिक्षिका ने बताया कि एक साधारण पेंशनर के नाते कुछ नहीं बोल पायी. कहा कि मेरा सातवें वेतनमान की ग्रेच्यूटी की राशि 10 लाख व सातवें वेतनमान के वेतानांतर की राशि सात लाख है. वर्तमान में मुजफ्फरपुर में रहते हैं. पति चार वर्षों से हैं अस्वस्थ शिक्षिका ने कहा कि पति पिछले चार वर्षों से अस्वस्थ हैं. उनके पैरों में बहुत तकलीफ है. दवा व फिजियोथेरेपी में खर्च बहुत है. समय से पेंशन नहीं मिलने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है. विवि से बकाया राशि समय पर मिल जाता, तो पति के उपचार में सुविधा होती. पति के स्वास्थ्य को लेकर उन्हें छोड़ कर कहीं जाने में परेशानी होती है. इस कारण बार-बार विवि नहीं जा पानी है. वर्ष 2023 से लेकर अबतक कई बार आवेदन दिये बताया कि वर्ष 2023 से लेकर अबतक रजिस्ट्रार को कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गयी. कहा कि ऐसा लगता है कि रजिस्ट्रार के अधीनस्थ उनके आवेदनों को फाड़ कर डस्टबिन में डाल दिया जाता होगा. उनका व्यवहार किसी पेंशनर के साथ संवेदनहीन होना आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी भी कम नहीं होते हैं.
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