– पारंपरिक तरीके से अंग क्षेत्र के लोगों ने लोक पर्व विशुआ-सतुआनी मनाया, लोगों में दिखा खासा उत्साह
वरीय संवाददाता, भागलपुर
जिले के विभिन्न स्थानों पर अंग क्षेत्र का लोक पर्व विशुआ (सतुआनी) सोमवार को पारंपरिक तरीके से मनाया गया. लोगों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया. स्नान-ध्यान कर लोगों ने मिट्टी के घड़े में गंगाजल, उस पर आम का पल्लव, टिकोला आदि डाल कर अपने इष्ट देवता की पूजा की. इस दौरान गुड़ व सत्तू का भोग भी लगाया.लोगों ने ग्रहण किया गुड़-सत्तू व आम की चटनी का व्यंजन
इसके बाद गुड़-सत्तू व अन्य प्रकार का पकवान खाया. सुबह से ही शहर के विभिन्न गंगा तटों बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट, हनुमान घाट, बाबूपुर आदि पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया, तो विभिन्न स्थानों के आसपास के नदी-तालाब में भी स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ी. बूढ़ानाथ मंदिर, आदमपुर स्थित शिवशक्ति मंदिर, भूतनाथ मंदिर, दुग्धेश्वरनाथ मंदिर, कूपेश्वरनाथ, शैलेश्वरनाथ मंदिर आदि में श्रद्धालुओं ने घड़ा, सत्तू, बेल, टिकोला आदि चढ़ाया. बूढ़ानाथ मंदिर में पूजन का संचालन प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने किया, तो शिव शक्ति मंदिर में कार्यक्रम का संचालन महंत अरुण बाबा ने किया.पूर्वजों के नाम पर मिट्टी के घड़े में भरा जल
अपने पूर्वजों के नाम पर मिट्टी के घड़ा में जल भर कर, टिकोला व हाथ का पंखा आदि गरीबों को दान किया. मान्यता है कि यह सीधे पूर्वजों को प्राप्त होता है. सामान्य विशुआ व्रती इस दिन सत्तू-गुड़ का ही भोजन करते हैं. विशुआ की रात्रि में भोजन बना कर दूसरे दिन बासी भोजन खाने की परंपरा है. गौ पालक का रिवाज है कि विशुआ के दिन वह दूध नहीं बेचते हैं और गाय-भैंस के संरक्षक देवता बाबा विशु राउत को सभी दूध चढ़ा देते हैं. इसे गर्मियों की शुरुआत भी माना जाता है.कहीं हुआ भरथरी का आयोजन, तो कहीं लगा मेला
अंग क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भरथरी व अन्य लोक संस्कृति पर आधारित गीत-संगीत का आयोजन किया गया. कई स्थानों पर मेला लगाया गया. गोपालकों ने भगवान के रूप में विशु राउत का पूजन किया. सबौर स्थित भिट्टी चंदेरी स्थित भगवान विशु के मंदिर में गौ पालकों की भीड़ पूजा करने को लेकर उमड़ी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है