– एक दशक पहले तक अप्रैल में पड़ती थी सबसे अधिक गर्मी
वरीय संवाददाता, भागलपुर
अप्रैल का 20 दिन बीत चुका है. झमाझम हो रही बारिश से लोगों को अबतक गर्मी से राहत है. मगर, रविवार से पारा चढ़ेगा और ऊमस लोगों की परेशानी बढ़ायेगी. पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होते ही बादलों की आवाजाही कम हो रही है. बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव से हवा में गर्म भाप की मात्रा बढ़ेगी. लोगों को ऊमस व जलन झेलना होगा. बीएयू सबौर की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की वैज्ञानिक डॉ नेहा पारिक ने बताया कि अगले पांच दिनों में दोपहर के अधिकतम तापमान में चार से छह डिग्री व सुबह में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की वृद्धि होगी. फिर हीटवेव का भी खतरा है. शनिवार को चार डिग्री बढ़ा तापमानशनिवार को जिले के तापमान में चार डिग्री की वृद्धि हुई. आसमान में तेज धूप निकलने से गर्मी बढ़ी. जिले का अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री व न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री रहा. हवा में नमी की अधिकतम मात्रा 83 प्रतिशत रही. 6.4 किमी/घंटा की गति से पूर्वा हवा चली.
सबसे गर्म महीना रहता था अप्रैलएक दशक पहले तक पूर्व बिहार समेत पूरे बिहार में अप्रैल का महीना सबसे गर्म रहता था. लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम एक माह आगे शिफ्ट हो गया है. दिसंबर की बजाय जनवरी व फरवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है. जून-जुलाई की बजाय अगस्त सितंबर में अधिक बारिश होती है. इस बदलाव का असर अप्रैल 2025 में भी दिख रहा है. यह जानकारी टीएमबीयू के पीजी भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ एसएन पांडेय ने दी.
बारिश से गेहूं की फसल हुई बर्बाद :मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के बादलों व बंगाल की खाड़ी में विकसित लो प्रेशर एरिया से उठी पूर्वा हवाओं के संयोग से हुआ. अमूमन ऐसा मौसम मानसून के अंत में चक्रवातीय हवाओं के असर से होता है. इस बारिश के कारण जहां गर्मी से राहत मिली, वहीं गेहूं व अन्य रबी फसलों को काफी क्षति पहुंची है.
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19 अप्रैल को तापमान – वर्ष
– 37.5 डिग्री – 2024– 41.6 डिग्री – 2023
– 39 डिग्री – 2022डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है