भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर रविवार को चंद्रग्रहण के समय मंदिरों के पट बंद रहे. चंद्रग्रहण के दौरान लोगों कोई भी शुभ कार्य नहीं किया. ग्रहण रात्रि 8.58 बजे शुरू हुआ और 2.25 बजे मोक्ष हुआ. ग्रहण काल खत्म होने पर लोगों ने स्नान किया. कई लोगों ने पहले का बना भोजन फेंक दिया. कई लोगों ने पहले बने भोजन में ग्रहण काल में दूब डाल कर छोड़ा, ताकि मान्यता के अनुसार भोजन की शुद्धता बनी रही. कहीं भजन-कीर्तन, कहीं राम नाम का जाप अलीगंज हनुमान मंदिर में महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया. बूढ़ानाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने रामनाम का जाप किया. शिव शक्ति मंदिर के महंत अरुण बाबा के संचालन में शिवसेवकों ने राम नाम का जाप किया. शहर के कुपेश्वरनाथ मंदिर, गोपेश्वर नाथ मंदिर, दुधेश्वर नाथ मंदिर आदि का पट बंद रहा. ग्रहण समाप्त होने के बाद सुबह बूढ़ानाथ मंदिर एवं शिवशक्ति मंदिर में अभिषेक हुआ. ————– पितृपक्ष पर नहीं पड़ा ग्रहण का कोई असर अपने देश भारत में पितृपक्ष से पहले लगने वाला चंद्रग्रहण तीन घंटों तक नजर आया. महालया के दिन लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में दिखायी नहीं देगा. पितृपक्ष पर ग्रहण को कोई असर नहीं हुआ. भारत के लिए यह बेहद शुभ रहा.
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