शहर की सफाई व्यवस्था पर लगातार मिल रही शिकायतें और पूर्व से नगर सरकार की नाराजगी के कारण दोनों सफाई एजेंसियों का हटना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन नगर निगम की ओर से कराये जा रहे सर्वे से एजेंसी हटाने की दिशा स्पष्ट होती दिख रही है. नगर निगम ने शहर के घरों, मुख्य सड़कों और गलियों की स्थिति का सर्वे शुरू कर दिया है. टीम घरों की संख्या, प्रधान मार्ग और गलियों, सफाई मशीनरी और उपकरण, झाड़ू लगाने वाले कर्मचारियों की संख्या और उनके कार्यकुशलता का आकलन कर रही है. सर्वे के दौरान एकत्र की गयी जानकारी के आधार पर निगम यह तय करेगा कि वर्तमान एजेंसी को शहर में बनाये रखा जाये या हटाया जाये. साफ-सफाई व्यवस्था पर लगातार मिली शिकायतों में कचरा समय पर न उठना, गंदगी फैलना और झाड़ू लगाने वालों की कमी प्रमुख कारण बताये जा रहे हैं. निगम का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही एजेंसी को हटाने या बनाये रखने का निर्णय लिया जायेगा. नगर निगम का यह भी कहना है कि यदि एजेंसी हटायी जाती है, तो शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए नयी एजेंसी का चयन किया जायेगा. नयी एजेंसी के लिए तैयार हो रहा रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल नगर निगम के अंदरखाने की जानकारी के अनुसार नयी एजेंसी की बहाली के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल की तैयारी चल रही है. इस प्रक्रिया के माध्यम से योग्य एजेंसी का चयन किया जा सकता है. दोनों एजेंसी कोमासिक एक करोड़ से अधिक का किया जा रहा भुगतान शहर की सफाई के लिए बहाल दो एजेंसियों को मासिक एक करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किया जा रहा है. लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था लचर है. आउसोर्सिंग के बाद से एजेंसी ने कई जगहों पर छोटा-छोटा नया डंपिंग प्वाइंट बना दिया है. दो-दो दिन तक कूड़ा पड़ा रहता है. लोगों की पैरवी होती है, तो वहां का कूड़ा उठाया जाता है. सफाई एजेंसियों को हटाने पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. अभी सर्वे कराया जा रहा है. घर, सड़क, गलियों, सफाई कर्मचारियों, झाड़ू लगाने वालों की संख्या का आकलन किया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जायेगा. शुभम कुमार, नगर आयुक्त नगर निगम, भागलपुर
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