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bhagalpur news. टीएमबीयू में आयोग से चयनित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया धीमी

टीएमबीयू में आयोग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया धीमी पड़ गयी है

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भागलपुर

टीएमबीयू में आयोग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया धीमी पड़ गयी है. जबकि विवि में कमेटी बने एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है. हालांकि, जांच कमेटी के संयोजक प्रो संजय कुमार झा का दावा है कि जांच की प्रक्रिया प्रोसेस में है.

दूसरी तरफ ऐसी ही मामले में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर चार असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति संबंधी अनुशंसा रद्द करने के लिए कहा है. साथ ही विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है. मधेपुरा विवि से रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भी भेज दी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार भूगोल के एक व भौतिकी के तीन असिस्टेंट प्रोफेसरों की अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी मिला है.

वहीं, टीएमबीयू में भी फिजिक्स, भूगोल व अर्थशास्त्र विषय के एक दर्जन से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच होनी है. आयोग ने मामले में शिक्षा विभाग को उन विषयों में नियुक्त किये गये शिक्षकों की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है. इस बाबत शिक्षा विभाग ने टीएमबीयू को एक माह पहले पत्र भेजकर मामले की जांच कर रिपोर्ट 15 दिनों में मांगी थी. साथ ही पत्र में कहा गया था कि गड़बड़ी मिलने पर कानूनी कार्रवाई करते हुए इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराये. बताया जा रहा है कि इस पत्र के आधार पर टीएमबीयू प्रशासन ने जनवरी से ही तीनों विषय के शिक्षकों पर रोक लगा दिया है.

जांच को लेकर दो बार बनी कमेटी

विवि में जांच को लेकर दो बार कमेटी बनी है. पहली कमेटी डीएसडब्ल्यू प्रो विजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनी. कमेटी ने दो बैठक की, लेकिन जांच प्रक्रिया धीमी रहने के कारण विवि से दूसरी कमेटी गठित की गयी. इसमें कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो संजय कुमार झा को संयोजक, सीसीडीसी व कॉमर्स विभाग के हेड को सदस्य के रूप में शामिल किया गया.

जांच की प्रक्रिया चल रही है : संयोजक

जांच कमेटी के संयोजक प्रो संजय कुमार झा ने कहा कि मामले को लेकर जांच की प्रक्रिया चल रही है. उन शिक्षकों के कॉलेजों व विभाग से शैक्षणिक दस्तावेज मांगा गया था. विवि को प्राप्त हो चुका है. उन दस्तावेजों की जांच की जायेगी. जरूरत पड़ने पर शैक्षणिक दस्तावेजों की भौतिक सत्यापन के लिए संबंधित विवि व कॉलेजों में विवि से स्पेशल मैसेंजर भी जांच करने जायेंगे, ताकि सटीक रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जा सकें.

जांच के नाम पर लीपापोती किया जा रहा – डॉ अजीत

समाजशास्त्र अभ्यर्थी डॉ अजीत कुमार सोनू ने कहा कि विवि में जांच के नाम पर लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है. जबकि इसी मामले में बगल के मधेपुरा विवि में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर कार्रवाई की गयी है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने 15 दिनों में विवि से रिपोर्ट मांगी थी. डॉ अजीत कुमार सोनू ने विवि प्रशासन से पूरे मामले में शीघ्र जांच की प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की है. साथ ही जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने के लिए कहा है. कहा कि मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में विवि में आंदोलन करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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