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bhagalpur news. 10 से 15 लाख में बना रहे थे कांस्टेबल, सात गिरफ्तार

भागलपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में नकल कराने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नकल करवाने के कार्य में संलिप्त सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में नकल कराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़

भागलपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में नकल कराने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नकल करवाने के कार्य में संलिप्त सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. नकल से संबंधित कई तरह के दस्तावेज भी बरामद किये गये हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हबीबपुर थाना क्षेत्र के डाटबाट लाजपतनगर स्थित अंग इंस्टीट्यूट को सील कर दिया है. गिरफ्तार लोगों में नालंदा जिले के मुस्तफापुर निवासी सुमित कुमार, नालंदा के ही बैन थाना क्षेत्र के कृपा गंज निवासी गौतम कुमार, मुंगेर जिले के शामपुर थाना के भदौरा निवासी बंटी कुमार, नीतिश कुमार, मुंगेर जिले के असरगंज थाना क्षेत्र के अदरास मकया निवासी अंकित कुमार, भागलपुर के ललमटिया थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 नीलकोठी साहेबगंज निवासी शिवम कुमार और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के टप्पल थाना क्षेत्र के जलालपुर निवासी करण सिंह शामिल हैं. गिरोह का खुलासा करने के बाद पुलिस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि गिरोह के सरगना की पहचान कर ली गयी है. गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जार ही है. इस गिरोह के तार बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा दूसरे राज्यों में भी जुड़े हैं. यह गिरोह पूर्णिया, भागलपुर और पटना में सक्रिय रूप से परीक्षाओं में नकल करवा रहा था. भागलपुर में कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट आयोजित करने वाले अन्य ऑनलाइन सेंटर भी जांच के दायरे में हैं. सिटी एसपी ने कहा है कि अनुसंधान किया जा रहा है. आगे और भी खुलासे हो सकते हैं. बात सामने आयी है कि कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर परीक्षार्थियों को नकल करवाया जा रहा था. इसके लिए प्रत्येक परीक्षार्थी से 10 से 15 लाख की रकम की उगाही की गयी थी.

कथित अपहरण की सूचना पर हरकत में आयी थी पुलिसदिल्ली पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा 24 दिसंबर को संपन्न हुई थी. उसी दिन पुलिस को सूचना मिली थी कि अलीगढ़ से परीक्षा देने आये परीक्षार्थी का अपहरण कर लिया गया है और छोड़ने के एवज में बतौर फिरौती दो लाख रुपये की मांग की जा रही है. सूचना पर एसएसपी हृदयकांत के निर्देशन में और सिटी एसपी शुभांक मिश्रा और नगर डीएसपी टू राकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने डाटबाट इलाके में छापेमारी शुरू की तो मुरारी यादव के घर के कुछ संदिग्ध पुलिस को देख कर भागने लगे. पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया. इसके बाद पूरे मामले का उद्भेदन हुआ.

छह लाख रुपये दे चुका था करण, सीट चेंज हो जाने के बाद सेटिंग हुआ फेलजानकारी मिली है कि अलीगढ़ का करण छह लाख रुपये गिरोह के सदस्यों को दे कर परीक्षा देने भागलपुर आया था. बाकी रकम उसे परीक्षा के बाद देनी थी. लेकिन परीक्षा केंद्र पर बाहर से आयी एक टीम ने चेकिंग किया और करण को कदाचार में लिप्त देखा. इस कारण उसकी जगह बदल दी गयी. जगह में बदलाव हो जाने के बाद करण परीक्षा में कदाचार नहीं कर सका. परीक्षा समाप्त होने के बाद गिरोह के सदस्यों ने उससे दो लाख की मांग की तो उसने देने से इनकार कर दिया. इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने करण को कब्जे में ले लिया. दो लाख रुपये देने के बाद ही छोड़ने की बात कहने लगे. करण द्वारा दी गयी सूचना ही पुलिस के पास पहुंची. फिर पुलिस ने कार्रवाई की.

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