टीएमबीयू को आयोग से मिले होम साइंस विषय में सात नये असिस्टेंट प्रोफेसर की तीन माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद पोस्टिंग नहीं की गयी है. जबकि आयोग से अधिसूचना 10 जून को जारी की गयी थी. जुलाई में ही काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी की गयी थी. इस बाबत अभ्यर्थियों ने पोस्टिंग को लेकर विवि का कई बार चक्कर लगा चुके हैं. विवि के अधिकारी पोस्टिंग को लेकर कुछ बोलने से बच रहे हैं. बता दें कि विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने पोस्टिंग को लेकर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन राजभवन से तत्कालीन कुलपति को अधिकार पर रोक लगा दिया गया. इसके बाद उन शिक्षक अभ्यर्थियों की पोस्टिंग नहीं की गयी. दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शिक्षा विभाग ने उनके अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्र की जांच के उपरांत ही चयनित किया था. फिर शिक्षा विभाग ने अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र की जांच के लिए निर्देश जारी किया है. विवि में यह प्रक्रिया करीब तीन माह से चल रही है. अबतक जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. वहीं, शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि कुछ का न तो अनुभवन व दिव्यांगता प्रमाणपत्र नहीं है. इसके बाद भी उनलोगों को जांच के नाम पर पोस्टिंग नहीं किया जा रहा है. मामले को लेकर राजभवन को भी शिकायत की गयी है. वहां से भी पोस्टिंग को लेकर पत्र भेजा गया है. जबकि दूसरे विवि में इसी के शिक्षक अभ्यर्थियों की पोस्टिंग कर दी गयी है. उनलोगों को वेतन मिलने लगा है. मामले में रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि शिक्षा विभाग के पत्र के आधार पर शिक्षक अभ्यर्थियों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र के लिए संबंधित विवि को भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की प्रक्रिया की जायेगी.
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